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स्‍वाधीनता संग्राम सेनानी और पत्रकार सचिदानंद पैन्यूली का निधन

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी 92 वर्षीय सचिदानंद पैन्यूली का रविवार की तड़के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में निधन हो गया। वह पिछले एक माह से एम्स ऋषिकेश में भर्ती थे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 12 Apr 2020 09:02 AM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 10:14 PM (IST)
स्‍वाधीनता संग्राम सेनानी और पत्रकार सचिदानंद पैन्यूली का निधन

ऋषिकेश, जेएनएन। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व वरिष्ठ पत्रकार सचिदानंद पैन्यूली (92) का निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे। पूर्णानंद घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।

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मूल रूप से टिहरी गढ़वाल निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सचिदानंद पैन्यूली का परिवार लंबे समय से गंगानगर, ऋषिकेश में रहता है। वह पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। रविवार को गंगा नगर स्थित आवास पर तड़के करीब चार बजकर 40 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। वह अपने पीछे पांच पुत्रियां मीना चंदोला, पुष्पा उनियाल, प्रकाशी घिल्डियाल, मधु पंडित, तृप्ता बंधूनी व सबसे छोटे पुत्र अधिवक्ता संपूर्णानंद पैन्यूली सहित भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। 

तिरंगे के साथ उनके पार्थिव शरीर को पूर्णानंद घाट ले जाया गया। जहां, राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। ऋषिकेश कोतवाली के जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। उनके पुत्र परिपूर्णानंद पैन्यूली ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। पूर्णानंद घाट पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, नगर निगम महापौर अनीता ममगाइर्ं, जिलाधिकारी देहरादून आशीष श्रीवास्तव, एसपी देहात पदमेंद्र डोभाल, गन्ना एवं चीनी विकास बोर्ड के अध्यक्ष भगतराम कोठारी, पुलिस उपाधीक्षक नरेंद्र नगर प्रमोद शाह, ऋषिकेश वीरेंद्र सिंह रावत, मंडी समिति के अध्यक्ष विनोद कुकरेती, पूर्व काबीना मंत्री दिनेश धनै, उप जिलाधिकारी प्रेमलाल, तहसीलदार रेखा आर्य, प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश रितेश शाह व मुनिकीरेती आरके सकलानी आदि ने उन्हें पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

एक माह पूर्व पत्नी का हुआ निधन

स्वाधीनता सेनानी सचिदानंद पैन्यूली पिछले करीब एक माह से बीमार थे। उनके अस्वस्थ होते ही उनकी पत्नी भी बीमार हो गई थी, जिसके बाद दोनों को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। ठीक एक माह पूर्व ही 12 मार्च को उनकी पत्नी मनोरमा देवी का निधन हो गया था। इसे भी दुखद संयोग ही कहेंगे कि ठीक एक वर्ष पूर्व 13 अप्रैल 2019 को उनके बड़े भाई पूर्व सांसद व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिपूर्णानंद पैन्यूली का भी निधन हुआ था। सचिदानंद पैन्यूली के दादाजी टिहरी राजशाही में दीवान थे जबकि उनके पिता राजशाही में जाने माने इंजीनियर थे। सचिदानंद पैन्यूली के पिता ने अपने मूल गांव लिखवार गांव (बनियाणी) से जाकर टिहरी के निकट छोलगांव में अपना निवास बनाया था।

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टिहरी जनक्रांति व स्वाधीनता संग्राम में किया प्रतिभाग

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सचिदानंद पैन्यूली दिवंगत सांसद तथा टिहरी प्रजामण्डल के प्रथम अध्यक्ष रहे स्वाधीनता संग्राम सेनानी परिपूर्णानंद पैन्यूली के छोटे भाई थे। दोनों ही भाइयों ने टिहरी जनक्रांति और स्वाधीनता संग्राम में मिलकर भाग लिया। स्वतंत्रता के आंदोलन में वह कई बार जेल भी गए। सचिदानंद पैन्यूली विद्वान, कर्मठ और जुझारू व्यक्ति थे।

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