नगर निगम परिसर में मुफ्त पार्किंग हुई खत्म, अब देना होगा शुल्क
अवैध पार्किंग की वजह से भरा रहने वाले नगर निगम परिसर में अब पार्किंग के लिए शुल्क देना होगा। गुरुवार से नगर निगम ने अपने परिसर में ट्रायल पार्किंग शुरू कर दी है।
देहरादून, जेएनएन। पूरा दिन अवैध पार्किंग की वजह से भरा रहने वाले नगर निगम परिसर में अब पार्किंग के लिए शुल्क देना होगा। गुरुवार से नगर निगम ने अपने परिसर में ट्रायल पार्किंग शुरू कर दी है। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पूरा दिन नगर निगम परिसर में निगम से जुड़े वाहन कम बल्कि बाहरी लोगों के वाहन खड़े रहते हैं। इसमें दून अस्पताल और बाजार में खरीददारी करने आने वालों के वाहन बड़ी संख्या में शामिल हैं। इससे निगम परिसर की पार्किंग में अव्यवस्था बनी रहती है। नगर आयुक्त ने बताया कि अभी ट्रायल पर शुल्क पार्किंग शुरू की गई है। एक माह बाद सकारात्मक परिणाम आने पर इसके टेंडर किए जाएंगे।
शुल्क पार्किंग तय करने के बाद निगम ने अपने परिसर में बकायदा इसके बोर्ड चस्पा कर दिए हैं। दरअसल, निगम परिसर में पूरा दिन तकरीबन 150 कारें और 400 से 500 दुपहिया खड़े होते हैं। इससे परिसर में जाम लगा रहता है और महापौर व नगर आयुक्त समेत अधिकारियों के वाहनों को निकलने में दिक्कतें होती हैं। वाहनों के बेतरतीब ढंग से खड़े रहने के कारण निगम की जेसीबी और ट्रक समेत ट्रैक्टर आदि को निकलने में भी दिक्कतें होती हैं। कई दफा निगम के ट्रकों से पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को साइड लगने के कारण विवाद भी होते रहते हैं।
समस्या को देखते हुए पूर्व महापौर विनोद चमोली ने अपने कार्यकाल में निगम परिसर में एक मल्टीस्टोरी पार्किंग बनाने का प्लान बनाया था। यह प्लान निगम बोर्ड से पास भी हुआ लेकिन प्रस्तुतीकरण से बाद इसमें कोई गति नहीं आई। बाद में बजट का अड़ंगा भी आ गया और पार्किंग अस्तित्व में नहीं आ पाई। इसका खामियाजा इन दिनों निगम परिसर में अवैध पार्किंग के रूप में सामने आ रहा है। पहले साठ वार्ड होते थे मगर अब सौ वार्ड होने के कारण भी निगम में काम कराने को आने वालों की भीड़ लगी रहती है।
निगम प्रशासन ने कुछ समय पूर्व बैरियर लगाकर भी बाहरी वाहनों को रोकने की कोशिश की थी, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। इससे आजिज आकर अब नगर निगम प्रशासन ने अपने परिसर में शुल्क पार्किंग शुरू कर दी है। नगर आयुक्त पांडेय ने बताया कि अभी एक माह के लिए एक ठेकेदार को पार्किंग ट्रायल पर दी गई है। अगर इसे अच्छी आय हुई तो इसे आगे टेंडर कर ठेके पर दिया जा सकेगा। इससे अनवांछित वाहनों पर रोक भी लगेगी।
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हर घंटे का देना होगा शुल्क
नगर निगम परिसर में स्मार्ट पार्किंग की तर्ज पर हर घंटे के अलग-अलग शुल्क तय किए गए हैं। नगर आयुक्त ने बताया कि इन दरों में दुपहिया के लिए पहले एक घंटे तक 15 रुपये, एक से तीन घंटे के 30 रुपये व इसके बाद अधिकतम 50 रुपये शुल्क तय किया गया है। चौपहिया के लिए पहले घंटे के 30 रुपये, एक से तीन घंटे के लिए 50 और उसके बाद 100 रुपये लिए जाएंगे।
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ये वाहन रहेंगे शुल्क से मुक्त
निगम परिसर में महापौर और नगर निगम अधिकारियों और कर्मचारियों के वाहन समेत अन्य सरकारी वाहन, पार्षदों और मीडिया के वाहनों को शुल्क से मुक्त रखा गया है। यह शर्त है कि मीडिया प्रतिनिधियों को अपना प्रेस-कार्ड दिखाना पड़ेगा। निगम में किसी कार्य और अधिकारियों से मुलाकात करने आने वाले आमजन या नेताओं के वाहनों को पार्किंग शुल्क देना पड़ेगा।
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