चंद मिनटों में ही तबाह हो गई चार जिंदगियां
संवाद सहयोगी विकासनगर कार हादसे में मौत के मुंह से बचे दो लोगों ने अपनी जुबानी हादसे की
संवाद सहयोगी, विकासनगर: कार हादसे में मौत के मुंह से बचे दो लोगों ने अपनी जुबानी हादसे की पूरी कहानी सुनाई। गणेश और संजय ने जीवन और मौत के बीच जो संघर्ष किया, उसके भाव उनके चेहरे पर साफ नजर आ रहे थे। कोहरे के कारण चालक ने ड्राइवर व कंडक्टर साइड के सीसे घटनास्थल से चार किमी पहले ही पांवटा साहिब पुल पर खोली थी, यदि शीशे न हटाए होते तो हादसे के वक्त दोनों का कार से कूदना संभव नहीं होता।
घटनास्थल पर नहर किनारे खड़े दोनों व्यक्ति ग्रामीणों और पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियान को खामोशी से देख रहे थे। पुलिस अधिकारियों से लेकर आम लोगों तक जब भी कोई उनसे घटनाक्रम पूछता तो उनके चेहरे पर रात के वो भयानक क्षण उभर कर आ रहे थे। संजय और गणेश ने बताया कि सामने से एक तेज गति ट्रक आ रहा था। जिसकी तीखी और तेज लाइट उनके आंखों में जुभी तो उन्हें लगा कि जैसे सब कुछ खत्म हो जाएगा। ट्रक से बचने को चालक गणेश ने कार सड़क किनारे पर उतारी तो कार हवा में उछली और पलटते हुए नहर में जा गिरी। संजय और गणेश का कहना है कि यह इतना भयानक क्षण था कि उन्हें समझ तक नहीं आया कि उनके साथ इतना बड़ा हादसा हो गया है। कार के खुले शीशे की साइड से बाहर निकले संजय को पहले तो यह आभास हुआ कि उनके अलावा सब नहर में डूब गए, लेकिन सामने गणेश को पानी में हिचकोले खाते देख दोनों ने चिल्लाना शुरू कर दिया। दोनों युवक अच्छा तैरना नहीं जानते थे, लेकिन किसी तरह से हाथ पांव मारकर नहर के किनारे पहुंच गए। तब तक घटनास्थल एकत्रित हुए ग्रामीणों ने दोनों को बाहर निकालकर उन्हें पहनने के लिए कपड़े दिए, आग जलाकर उनके ठंडे हो रहे शरीर को गर्मी दी। दोनों उस समय को याद करके सिहर उठते हैं। उनका कहना है कि चंद मिनटों में चार जिदगियां तबाह हो गई। चालक ने बताया कि हादसा इतना भयानक था कि शब्दों में इससे बयां नहीं किया जा सकता।