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दून के कारोबारी से 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी में पूर्व मैनेजर गिरफ्तार

जोन-8 टी वर्ल्‍ड प्राइवेट लिमिटेड की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर दून के कारोबारी से 18 लाख रुपये ठगने वाले कंपनी के पूर्व मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 09:24 AM (IST)Updated: Sun, 08 Dec 2019 09:24 AM (IST)
दून के कारोबारी से 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी में पूर्व मैनेजर गिरफ्तार
दून के कारोबारी से 18 लाख रुपये की धोखाधड़ी में पूर्व मैनेजर गिरफ्तार

देहरादून, जेएनएन। जोन-8 टी वर्ल्‍ड प्राइवेट लिमिटेड की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर दून के कारोबारी से 18 लाख रुपये ठगने वाले कंपनी के पूर्व मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है। कारोबारी ने बीती जुलाई में आरोपित के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।

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पुलिस के अनुसार सुनील कुमार निवासी बेनी बाजार बीते वर्ष टी-कैफे खोलने के लिए इंटरनेट पर फ्रेंचाइजी देने वाली कंपनियों की तलाश कर रहे थे। इस दौरान उन्हें मुंबई की जोन-8 टी वर्ल्‍ड प्राइवेट लिमिटेड के बारे में पता चला। कंपनी की वेबसाइट पर दिए गए नंबर के माध्यम से उनका संपर्क मैनेजर देवर्षि बंदोपाध्याय से हुआ। फ्रेंचाइजी देने की कार्रवाई पूरी करने के लिए वह 14 दिसंबर 2018 को देहरादून आया। यहां उसने जगह आदि देखने के बाद बताया कि इस काम में कुल 18.54 लाख रुपये का खर्च आएगा। इसके लिए उन्हें सभी सामान और उपकरण कंपनी की ओर से मुहैया कराए जाएंगे।

सुनील ने अलग-अलग खातों में अलग-अलग तिथियों में रकम का भुगतान कर दिया। इस बीच उन्हें केवल एक लाख रुपये कीमत का सामान उपलब्ध कराया गया। इसके बाद आरोपित सामान भेजने में टालमटोल करने लगा। तीन महीने बाद कंपनी से संपर्क किया तो पता चला कि देवर्षि बंदोपाध्याय कंपनी छोड़ चु़का है और जो रकम उन्होंने भेजी, वह कंपनी को नहीं मिली। 

एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि आरोपित के मोबाइल नंबर की सीडीआर से पता चला कि वह दिल्ली में रह रहा है। दिल्ली पुलिस के साथ कार्रवाई करते हुए देवर्षि को वहां से गिरफ्तार कर लिया गया। 

बैंक घोटाले में कारोबारी की जमानत अर्जी खारिज

भारतीय स्टेट बैंक हरिद्वार में 48 लाख रुपये के घोटाले में गिरफ्तार कारोबारी की जमानत याचिका विशेष न्यायाधीश विजिलेंस श्रीकांत पांडेय की अदालत ने खारिज कर दी। आरोपित को हरिद्वार पुलिस ने बीते बुधवार को गिरफ्तार कर गुरुवार को विजिलेंस कोर्ट में पेश किया था। जहां से उसे सुद्धोवाला जिला कारागार भेज दिया गया था।

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार गुप्ता ने अदालत को बताया कि वर्ष 2009 से 2018 के बीच एसबीआइ की लालढांग शाखा में करीब 48 लाख रुपये का घोटाला हुआ। जांच में पाया गया कि बैंक में तैनात कैशियर विभोर चंद्र ने अपने कारोबारी दोस्त गैरी टंडन निवासी हरिद्वार के साथ मिलकर गड़बड़ी की है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गैरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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