आंदोलनरत एमबीबीएस छात्रों के बीच पहुंचे पहुंची पूर्व सीएम रावत
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शुक्रवार को फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ आंदोलनरत एमबीबीएस छात्रों के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि भावी डॉक्टर्स को इस तरह यहां बैठा देख तकलीफ हुई है।
देहरादून, [जेएनएन]: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत शुक्रवार को फीस बढ़ोत्तरी के खिलाफ आंदोलनरत एमबीबीएस छात्रों के बीच पहुंचे। उन्होंने कहा कि भावी डॉक्टर्स को इस तरह यहां बैठा देख तकलीफ हुई है। छात्रों व उनके अभिभावकों की पीड़ा समझता हूं। कई मां-बाप होंगे जिन्होंने बैंक से ऋण लेकर अपने बच्चों का दाखिला कराया है। साधारण परिवार के लिए बच्चे को मेडिकल की पढ़ाई कराना आसान नहीं है।
कहा कि, हमारी सरकार में बांड तोड़ने वाले डॉक्टरों पर विधिक कार्रवाई का सुझाव आया था, लेकिन मैंने इसे टर्न डाउन कर दिया। क्योंकि मैं जानता हूं कि उस पर मां बाप की तकलीफों का बोझ है। हर पल हर क्षण वह यह सोचता रहता है कि कर्ज कैसे चुकाऊंगा। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर हैरत जताते उन्होंने कहा कि सभी कुछ तकनीकी नहीं होता, बल्कि इसका मानवीय पहलू भी देखना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एसजीआरआर को यूनिवर्सिटी का दर्जा हमारी सरकार ने दिया।
यह सोचकर कि राज्य के संसाधन बढ़ रहे हैं। इसके लिए मुझे अपनों से भी लड़ना पड़ा। लेकिन इसका यह अर्थ कतई नहीं कि मनमाने ढंग से निवेश की कीमत वसूली जाए। ऐसे निवेश का क्या फायदा कि जिनके लिए यह हुआ है वही रसातल में चले जाएं। ऐसा निवेश हमें नहीं चाहिए जिसका मानवीय पक्ष ही न हो। उन्होंने यह भी कहा कि फीस वृद्धि का फैसला वापस ले लिया जाता है, तो सीएम का बयान भूल जाऊंगा।
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