पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बोले, तानाशाह रवैया अपना रही है प्रदेश सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मुख्यमंत्री आवास के बाहर सांकेतिक धरना देने से पूर्व हाथीबड़कला बैरिकेडिंग पर पुलिस ने रोक दिया। हरीश रावत वहीं पर धरना पर बैठ गए।
देहरादून, जेएनएन। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने उत्तराखंड में लोकतंत्र बचाओ का नारा देते हुए कहा कि राज्य सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है, यह निंदनीय है। यह बात उन्होंने मंगलवार को हाथीबड़कला में धरना-प्रदर्शन के दौरान कही।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने खुद और पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज करने पर हैरानी जताते हुए कहा कि वह सोमवार को कोरोना संकट से उबरने को लेकर भोले बाबा के दर रायपुर शिव मंदिर गए थे। लेकिन, सरकार के इशारे पर उनपर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। उन्होंने कहा कि सोमवार को किए गए सांकेतिक विरोध प्रदर्शन की जानकारी सभी को रविवार शाम ही दे दी गई थी, लेकिन पुलिस ने जबरन मामला दर्ज किया, जबकि प्रदर्शन के दौरान सभी लोगों ने शारीरिक दूरी के नियम का पालन करने के साथ मास्क भी लगा रखा था।
इसके विरोध में मंगलवार को उन्होंने राजभवन के बाहर धरना देने का निश्चय किया तो पुलिस ने जबरन हाथीबड़कला में रोक दिया। जिसके बाद उन्होंने वहीं पर धरना देने का फैसला किया। इस दौरान हरीश रावत ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमत सबसे निचले स्तर पर है और मोदी सरकार ने देश में डीजल-पेट्रोल के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा दिए हैं।
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वह भी उस वक्त जब देशवासी कोरोना के कारण आॢथक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम बढऩे का सीधा असर खेती और उद्योगों पर पड़ रहा है। करीब एक घंटे तक हाथीबड़कला में धरने पर बैठने के बाद पुलिस ने उन्हें राजभवन परिसर में निर्धारित स्थान पर धरना देने की अनुमति दे दी, जहां पूर्व मुख्यमंत्री कुछ समय तक अकेले सांकेतिक धरने पर बैठे रहे।
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