उत्तराखंड में स्वरोजगार योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए नए प्रकोष्ठ का किया गठन
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन और उपायों को सुझाने के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में नए प्रकोष्ठ का गठन किया गया।
जेएनएन, देहरादून। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की गतिविधियों के बेहतर क्रियान्वयन और उपायों को सुझाने के लिए गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में नए प्रकोष्ठ का गठन किया गया। प्रकोष्ठ को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की स्वीकृति प्रदान की गई। जिसमें पलायन आयोग उत्तराखंड के उपाध्यक्ष एसएस नेगी अध्यक्ष जबकि हार्क संस्था के महेंद्र सिंह कुंवर ओर मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार आलोक भट्ट को सदस्य बनाया गया।
प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एसएस नेगी ने बताया कि उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों में स्वरोजगार को आगे बढ़ाने के लिये प्रयास किए जाएंगे, ताकि युवा स्वरोजगार अपनाने के साथ ही अन्य के लिए भी रोजगार देने वाले बन सकें। विभिन्न विभागों के स्तर पर संचालित स्वरोजगार के कार्यक्रम से भी समन्वय किया जाएगा जिससे अधिक युवाओं को स्वरोजगार का लाभ मिल सके। राज्य के व्यक्तियों को स्वरोजगार से जोड़ने और उत्तराखंड लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इसमें निर्माण और सेवा क्षेत्र में खुद का काम शुरू करने के लिए ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, युवाओं और प्रदेश में लौटे प्रवासियों के लिए एमएसएमई के तहत बनाई गई है। योजना में विनिर्माण में 25 लाख और सेवा क्षेत्र में 10 लाख तक की लागत की परियोजना पर स्वरोजगार के लिए ऋण ले सकेंगे। इसमें 25 प्रतिशत तक अनुदान की व्यवस्था है। मार्जिन मनी अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी।
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मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत इससे संबंधित लगभग सभी विभागों की योजनाओं को शामिल किया गया है। राज्य स्तर पर सभी विभागों के समन्वय के लिए यह प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। अन्य विभागों में संचालित स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत लाते हुए उद्यान, कृषि, माइक्रो फूड प्रोसेसिंग, पशुपालन, दुग्ध व्यवसाय, पोल्ट्री, जैविक कृषि आदि पर विशेष महत्व दिया जा रहा है। योजना में 150 से अधिक कार्य शामिल किए गए हैं।