वन कार्मिकों की विवादित डिग्रियों की फाइल हो गई गायब, मचा हड़कंप
वन कार्मिकों की विवादित डिग्रियों की फाइल शासन से गायब हो गई है। इस बात की जानकारी होने पर अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है
देहरादून, सुमन सेमवाल। वन विभाग में वन दारोगा व आरक्षी पद पर तैनात, जिन कार्मिकों की डिग्रियों पर विवाद है, उनकी फाइल शासन में गायब हो गई है। इस बात की जानकारी होने पर अधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है और वन विभाग के अनुभाग अधिकारी (एसओ) ने सभी अनुभाग अधिकारियों व निजी सचिवों को पत्र लिखकर फाइल की जानकारी मांगी है।
शासन ने नवंबर, 2011 में प्रमुख वन संरक्षक मानव संसाधन एवं कार्मिक प्रबंधन से ऐसे वन दारोगाओं व वन आरक्षियों की फाइल तलब की थी, जिनकी डिग्रियों पर विवाद है। इसकी वजह यह थी कि आरटीआइ में एक के बाद एक कार्मिकों की फर्जी डिग्रियां सामने आ रही थीं और यह माना जा रहा था कि विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती घोटाला हुआ है। इसकी जांच की मंशा से ही पत्रावली शासन ने तलब की थी। इसके बाद वन मुख्यालय स्तर से यह पत्रावली शासन को भेजी गई थी। लेकिन बताया जा रहा है कि ये फाइलें गायब हो गई हैं।
अब वन विभाग के अनुभाग अधिकारी सतेंद्र बर्मन ने सभी अनुभाग अधिकारियों व निजी सचिवों को पत्र लिखकर बताया है कि अनुभाग-एक के तहत वन कार्मिकों की जांच से संबंधित जो पत्रावली मंगवाई गई थी, वह गायब है। यदि त्रुटिवश किसी अनुभाग या कार्यालय में यह पत्रावली हो तो उसे लौटा दिया जाए। यदि पत्रावली नहीं है तो उसकी जानकारी भी अनुभाग को दे दी जाए।
आरटीआइ में कहा, पत्रावली खोजी जा रही
आरटीआइ कार्यकर्ता विनोद कुमार जैन ने पांच जनवरी को शासन से विवादित डिग्रियों से संबंधित फाइल के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में वन विभाग के अनुसचिव ने कहा है कि पत्रावली गायब है और उसकी खोजबीन की जा रही है। पत्रावली प्राप्त होते ही उससे संबंधित सूचना उपलब्ध कराई जाएगी।
36 फर्जी डिग्रियां आ चुकीं सामने
आरटीआइ कार्यकर्ता विनोद कुमार जैन की ओर से पूर्व में मांगी गई सूचना के क्रम में अब तक एक वन दारोगा समेत करीब 35 वन आरक्षियों की फर्जी डिग्रियां सामने आ चुकी हैं। इनमें से कई कार्मिकों की सेवा समाप्त कर दी गई है और कई के खिलाफ वाद दायर कर जांच की जा रही है।
सुभाष चंद्र (अपर सचिव, वन) का कहना है कि फाइल गायब होने की जानकारी अभी मुझे नहीं है। इस बारे में अनुभाग अधिकारी से जानकारी मांगी जाएगी। वैसे तो पत्रावली का पता चल जाएगा। यदि इसे गायब किया गया है तो यह गंभीर मामला है। इस बारे में जल्द आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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