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उत्तराखंड के चारों धामों में बर्फबारी, कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी से बढ़ी सर्दी

उत्तराखंड में मौसम करवट ले रहा है। बदरीनाथ केदारनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री की पहाड़ियों में जमकर बर्फबारी से सर्दी बढ़ गई। वहीं कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:48 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:30 PM (IST)
उत्तराखंड के चारों धामों में बर्फबारी, कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी से बढ़ी सर्दी
उत्तराखंड के चारों धामों में बर्फबारी, कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी से बढ़ी सर्दी

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध स्कीइंग स्थल औली में 31 साल बाद नवंबर में हिमपात हुआ है। बर्फबारी से पर्यटकों के चेहरे तो खिले ही, व्यवसायियों में भी उत्साह है। गुरुवार को प्रदेश में मौसम ने करवट बदली और बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में भी बर्फ की हल्की फुहारें पड़ीं। इसके अलावा पिथौरागढ़ के मुनस्यारी के साथ ही ऊंची पहाडिय़ों पर बर्फबारी के समाचार हैं। निचले स्थानों पर बारिश से ठंड बढ़ गई है। देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अगले 24 घंटों में भी मौसम के मिजाज में कोई बदलाव नहीं होगा। साढ़े तीन हजार मीटर की ऊंचाई तक बर्फबारी की संभावना है।  

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गुरुवार को सुबह से ही प्रदेश के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में बूंदाबांदी का दौर जारी है। दूसरी ओर ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई है। समुद्रतल से 10500 फीट की ऊंचाई पर स्थित औली में बर्फ की चादर बिछने पर पर्यटकों ने जमकर लुत्फ उठाया। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार औली में 31 साल पहले 28 नवंबर 1988 को बर्फबारी रिकार्ड की गई थी। 

आमतौर पर वहां दिसंबर में हिमपात होता है। एडवेंचर एसोसिएशन के अध्यक्ष और स्कीयर्स विवेक पंवार ने बताया कि लंबे समय पर नवंबर में बर्फबारी उत्साहित करने वाली है। यदि मौसम मेहरबान रहा तो औली में शीतकालीन खेलों की उम्मीद परवान चढ़ेगी। इसके अलावा केदारनाथ में सुबह दस बजे से दोपहर तक बर्फ की फुहारें पड़ती रहीं। इससे पुनर्निर्माण कार्य भी ठप रहे। चार धामों के अलावा हेमकुंड साहिब, उत्तरकाशी जिले के दयारा बुग्याल, डोडीताल और हरकीदून में अच्छी बर्फ गिरी है। देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर के साथ ही अल्मोड़ा और नैनीताल में बारिश से सर्दी में इजाफा हो गया है।  गौरतलब है कि शीतकाल के लिए केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट बंद हो चुके हैं, जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को बंद किए जाने हैं।

दूसरी ओर कुमाऊं में भी मौसम का मिजाज गढ़वाल मंडल की भांति ही रहा। सायं तक उच्च हिमालय क्षेत्र में चोटियों पर लगातार हिमपात हो रहा है। मुनस्यारी के शीर्ष में स्थित खलिया टॉप तक हिमपात हो चुका है। वहीं बागेश्वर जिले के कपकोट में हल्की बूंदाबांदी और ङ्क्षपडर घाटी के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी होने लगी है। 

हरिद्वार, दून सहित मैदानी इलाकों में कई स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई। मौसम विभाग के मुताबिक पहाड़ों से लेकर मैदान तक हल्की बारिश की संभावना है। वहीं, ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात का दौर जारी रहेगा। 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी होने की संभावना है।

राज्य में बीते 29 सितंबर से राज्य में बारिश नहीं हुई है। इस बीच केवल नैनीताल व चमोली जिले में एक से दो मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। करीब 39 दिनों से बारिश न होने से खेतों में नमी कम होती जा रही है और हवा में धूल के कण अधिक ऊंचाई तक पहुंच रहे हैं। 

मौसम विज्ञान केंद्र का कहना है कि बारिश नहीं होने से दिन और रात के तापमान में अपेक्षाकृत अधिक अंतर देखा जा रहा है, जो फसलों की बढ़वार के लिए लाभकारी नहीं माना जाता है। बुधवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 29.2 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 13.6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।

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मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि राज्य के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। दून के कुछ क्षेत्र में बादलों की गर्जन के साथ बारिश हो सकती है। पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी होने की संभावना है।

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