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उपयोगी नहीं बेढंगे फुटपाथ, सर्विस रोड पर फूलता दम; पढ़िए पूरी खबर

आइएसबीटी फ्लाईओवर के ऊपर वाहन जितनी सुगमता से फर्राटे भरते हैं उसके नीचे की सर्विस रोड पर उतना ही दम फूल जाता है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 12:50 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 08:52 PM (IST)
उपयोगी नहीं बेढंगे फुटपाथ, सर्विस रोड पर फूलता दम; पढ़िए पूरी खबर
उपयोगी नहीं बेढंगे फुटपाथ, सर्विस रोड पर फूलता दम; पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। दून में यातायात सुधार की परियोजनाओं के निर्माण में तकनीकी अपरिपक्वता कब दूर हो पाएगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। हमारे अधिकारी एक मुश्किल का हल निकालते हैं तो उससे दूसरी मुश्किल खड़ी हो जाती है। शुरुआत करते हैं आइएसबीटी फ्लाईओवर से। आइएसबीटी फ्लाईओवर के ऊपर वाहन जितनी सुगमता से फर्राटे भरते हैं, उसके नीचे की सर्विस रोड पर उतना ही दम फूल जाता है। इसकी वजह यह कि सर्विस रोड के बड़े हिस्से पर जरूरत से अधिक चौड़े फुटपाथ बना दिए गए हैं और जो शेष भाग बचा है उसकी चौड़ाई इतनी नहीं कि वाहन यहां पर से आराम से गुजर पाएं। ऐसा नहीं है कि फुटपाथ का प्रयोग लोग ही कर रहे हैं, बल्कि उससे कहीं अधिक इन पर बाजार सजे रहते हैं।

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यदि यहां पर फुटपाथ की चौड़ाई घटा दी जाती तो वाहनों के गुजरने के लिए थोड़ा जगह और मिल जाती। ऐसा जरूर होता यदि अधिकारी अपनी पारंपरिक सोच से बाहर निकलकर व्यवाहिरकता के आधार पर तय कर पाते कि आइएसबीटी से सटे इस व्यस्ततम क्षेत्र में सर्विस रोड की चौड़ाई को अधिकतम कैसे किया जाए। ऐसे बेढंगे फुटपाथ को बनाने से बेहतर तो यह होता कि इसकी ऊंचाई सड़क के बराबर ही रखी जाती, ताकि जरूरत पडऩे पर वाहनों को कम से कम अतिरिक्त चौड़ाई तो मिल ही जाती। यह सब इसलिए भी किया जाना जरूरी था कि दोनों फ्लाईओवर की सर्विस रोड से दुकानें भी सटी हैं और इन सब बातों को ध्यान में रखकर ही परियोजना का निर्माण किया जाना चाहिए था।

वाई-शेप का फ्लाईओवर बन सकता है डेंजर जोन

आइएसबीटी पर पुराने फ्लाईओवर से जुड़कर वाई-शेप में बनकर लगभग तैयार हो चुका नया फ्लाईओवर डेंजर जोन बन सकता है। क्योंकि इसे वन-वे ट्रैफिक के लिए तैयार किया जा रहा है, जबकि सुरक्षा के पुख्ता उपाय किए बिना इस पर दोतरफा ट्रैफिक चलने की आशंका है। यदि ऐसा हुआ तो यहां पर भी बल्लीवाला की तरह हादसे हो सकते हैं।

फ्लाईओवर का काम अंतिम चरण में है और कार्यदायी संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग खंड देहरादून इस माह के अंत तक इस पर वाहनों का संचालन शुरू कर सकता है। योजना के मुताबिक यह डबल लेन फ्लाईओवर वन-वे रहेगा और इस पर रिस्पना पुल की तरफ से (हरिद्वार बाईपास रोड) सहारनपुर की तरफ जाने वाले वाहनों को गुजारा जाएगा। यहां तक तो सब कुछ ठीक है और यातायात के लिहाजा से उपयोगी भी। दिक्कत सिर्फ यह है कि पुराने फ्लाईओवर के जिस भाग पर यह जुड़ रहा है, उस लेन पर देहरादून से सहारनपुर की तरफ जाने वाले वाहन गुजरते हैं। बहुत संभव है कि वह वाहन चालक इसी भाग से वाई-शेप वाले फ्लाईओवर से होकर हरिद्वार बाईपास रोड की तरफ जाने का प्रयास करें। ऐसी आशंका इसलिए भी है कि इन वाहनों को दूसरी तरफ जाने से रोकने के लिए अभी तक पुख्ता इंतजाम नहीं हो पाए हैं और लेफ्ट-टर्न होने के चलते वाहन चालक इसका प्रयोग करने से परहेज भी नहीं करेंगे। राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता जेएस रावत भी इस आशंका से इन्कार नहीं कर रहे। उनका कहना है दोनों फ्लाईओवर को जोडऩे वाले हिस्से पर फाइबर वाले डिवाइडर लगाए जाएंगे और साइन बोर्ड के माध्यम से भी इसके वन-वे होने की जानकारी प्रदर्शित की जाएगी। हालांकि, तकनीकी रूप से भी इस हिस्से को इस तरह बनाया गया है कि वाहन चालकों को यहां पर लेफ्ट-टर्न फ्री होने जैसा अहसास न हो।

बल्लीवाला पर सर्विस रोड भी फेल

बल्लीवाला फ्लाईओवर तो तकनीकी रूप से फेल साबित हो रहा है, इसकी सर्विस रोड भी कारगर नहीं है। सर्विस रोड के बाद जो दुकानें बनी हैं, वह फुटपाथ से पूरी तरह सटी हैं। इसके चलते वाहन पर भी इस पर खड़े रहते हैं और जिससे यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इस फ्लाईओवर के फोरलेन में निर्माण की स्वीकृति मिली थी, जबकि अधिकारियों ने मनमर्जी से इसे दो लेन का बना दिया। इसका असर बेहद संकरी सर्विस रोड पर साफ देखा जा सकता है। गंभीर यह भी कि इस फ्लाईओवर पर दोनों तरफ की सर्विस रोड पर ऐसा ही आलम है और यहां की नाली का निर्माण भी ढंग से नहीं किया गया है। जिसके चलते बारिश के मौसम में जाम की स्थिति और विकट हो जाती है।

डिवाइर के खंभे उखड़े, अधिकारियों की आंखें बंद

बल्लीवाला फ्लाईओवर की व्यवस्थाओं को देखकर लगता है कि यहां पर अधिकारियों ने अपनी आंखें मूंद रखी हैं। फ्लाईओवर से लेकर इसकी एप्रोच रोड तक के सभी हिस्सों के खंभे वाले डिवाइडर उखड़ चुके हैं। ऐसे में एप्रोच रोड से लेकर बीच फ्लाईओवर तक पर वाहन चालक इन्हें पार कर दूसरी लेन में घुस रहे हैं। कई खंभे तो सड़क पर ज्यों के त्यों गिरे पड़े हैं और इसके बाद भी कोई देखने वाला नहीं। इस तरह की अव्यवस्थाएं बताती हैं कि अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का जरा भी एहसास नहीं रहा। कुछ समय पहले जरूरी राजमार्ग खंड डोईवाला ने बल्लीवाला क्षेत्र में डिवाइडरों को दुरुस्त करने का काम शुरू किया था, मगर यह अंजाम तक पहुंचा ही नहीं।

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