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बागवानी उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने पर हो फोकस, मुख्य सचिव ने उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

शुक्रवार को सचिवालय में मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान मुख्य सचिवने कहा कि राज्य में ऐसे उत्पादों पर भी फोकस किया जाए जिनकी बाजार में अच्छी मांग है लेकिन उत्पादन कम है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 29 Oct 2021 10:41 PM (IST)Updated: Fri, 29 Oct 2021 10:41 PM (IST)
बागवानी उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने पर हो फोकस, मुख्य सचिव ने उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
शुक्रवार को सचिवालय में मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक ली।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। बागवानी को आर्थिकी का महत्वपूर्ण जरिया मानते हुए अब बागवानी उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही इनके लिए बाजार मुहैया कराने पर फोकस किया जाएगा। मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में उद्यान विभाग की समीक्षा बैठक में इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे उत्पादों पर भी फोकस किया जाए, जिनकी बाजार में अच्छी मांग है, लेकिन उत्पादन कम है।

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मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए बागवानी से जुड़े उद्यमियों को सम्मानित किया जा सकता है, ताकि अन्य लोग भी इस क्षेत्र में रुचि दिखाएं। माल्टा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में माल्टा का काफी उत्पादन होता है, लेकिन अधिकता के कारण इसे अंत में फेंकना पड़ता है। उन्होंने माल्टा की खेती को बढ़ावा देने के साथ ही इसके लिए प्रसंस्करण इकाइयां पीपीपी मोड में संचालित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय निवासियों के उत्पाद बर्बाद नहीं होंगे और उनकी आय भी बढ़ेगी।

मुख्य सचिव ने किसानों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमई) के अंतर्गत वित्तीय, तकनीकी और कारोबारी सहायता उपलब्ध कराने को विशेष प्रयास करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पीएमएफएमई में एक जनपद एक उत्पाद योजना की साप्ताहिक समीक्षा कर इसे बढ़ावा दिया जाए। जिन उत्पादों की अच्छी संभावनाएं हैं और वे किसी कारणवश इस योजना में सम्मिलित नहीं हो पा रहे हैं, उनके लिए राज्य स्तरीय योजना तैयार की जाए।

अखरोट की खेती का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में इसकी खेती में सुधार लाने को अखरोट की वैरायटी में सुधार लाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अच्छी किस्म के अखरोट उत्पादित किए जाएं, ताकि अखरोट की मांग बढ़ सके। उन्होंने मधुग्राम योजना, कीवी की खेती को बढ़ावा देने पर भी बल दिया।

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