स्थानीय मंडी में ही फूल बेच सकेंगे किसान
प्रदेश में फूलों की खेती करने वाले किसान अब प्रदेश की कृषि मंडियों में ही फूलों की खेती कर सकेंगे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में फूलों की खेती करने वाले किसान अब प्रदेश की कृषि मंडियों में ही फूलों की खेती कर सकेंगे। इसके लिए सदन में उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडी (विकास एवं विनियमन) (संशोधन) विधेयक को पारित कर दिया गया। इसके अलावा ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू करने के लिए भारतीय भागीदारी (उत्तराखंड संशोधन) विधेयक को पारित करने पर भी मुहर लगी। सदन में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) (संशोधन) को भी पटल पर रखा गया।
बुधवार को सदन में उत्तराखंड कृषि मंडी संशोधन विधेयक को पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि प्रदेश में अभी तक मंडी में फूलों की बिक्री का प्रावधान नहीं था। संशोधित विधेयक में फूलों को मंडी से बेचने के साथ ही उन्हें दुकान आवंटित कराने और अन्य कृषकों के समान ही बीमा सुविधा देने का प्रावधान किया गया है।
भारतीय भागीदारी उत्तराखंड संशोधन विधेयक प्रस्तुत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि इसमें धारा 58, 67 और 68 में बदलाव किया गया है। इसके तहत इस प्रक्रिया को ऑनलाइन करने के साथ ही पेपरलैस किया जाएगा। इसके साथ ही इस पर नजर रखने के भी प्रावधान किया गया है। इन दोनों विधेयकों को सदन में पारित कर दिया गया। इसके अलावा सदन में उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959) (संशोधन) विधेयक पटल पर रखा गया। इसमें जनसंख्या के हिसाब से नगर निगम व नगर निकायों में महापौर, आयुक्त व बोर्ड के वित्तीय अधिकार बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।
सदन में खूब ली गई चुटकी
सदन में बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने एक दूसरे के संबोधनों में एक दूसरे पर खूब चुटकियां लीं। इस दौरान एक दूसरे के सरकार के कामकाज पर भी तंज कसने से विधायक नहीं चूके। अपनी सरकार को दिए सुझाव
सदन में भाजपा विधायकों ने चर्चा के दौरान अपनी सरकार को सुझाव भी दिए। विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने प्रदेश में इथॉनोल के प्लांट लगा कर आय बढ़ाने का सुझाव दिया। वहीं, विधायक नवीन दुम्का ने मैदानी क्षेत्रों में भूसे का पर्याप्त मात्रा में प्रबंध करने और श्रमिक क्षेत्र में यूनियन बनाने को लेकर फैक्ट्री मालिकों द्वारा की जा रही उत्पीड़न की कार्रवाई पर श्रम विभाग से इस दिशा में कदम उठाने की अपेक्षा की।