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Coronavirus: कोविड सेंटर से पांच लोग डिस्चार्ज, मरीजों की संख्या शून्य Dehradun News

यमकेश्वर ब्लॉक अंतर्गत लक्ष्मणझूला और स्वार्गाश्रम क्षेत्र के कोविड सेंटर में भर्ती पांच मरीजों को भी रिपोर्ट निगेटिव आने पर छुट्टी दे गई। अब कोविड केयर सेंटर में मरीज नहीं हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 12:37 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 12:37 PM (IST)
Coronavirus: कोविड सेंटर से पांच लोग डिस्चार्ज, मरीजों की संख्या शून्य Dehradun News
Coronavirus: कोविड सेंटर से पांच लोग डिस्चार्ज, मरीजों की संख्या शून्य Dehradun News

ऋषिकेश, जेएनएन। पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक अंतर्गत लक्ष्मणझूला और स्वार्गाश्रम क्षेत्र के कोविड सेंटर में भर्ती पांच मरीजों को भी रिपोर्ट निगेटिव आने पर छुट्टी दे गई। अब कोविड केयर सेंटर में मरीजों की संख्या शून्य हो गई है। यमकेश्वर ब्लॉक में पिछले 11 दिनों से संक्रमण का कोई नया मामला भी सामने नहीं आया है।

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पौड़ी जनपद के यमकेश्वर ब्लॉक में लक्ष्मणझूला और स्वर्गाश्रम क्षेत्र में परमार्थ निकेतन तथा गीता भवन में कोविड केयर सेंटर बनाए गए थे। यहां पहला मामला 31 मई को सामने आया था। इसमें यमकेश्वर के किमसार क्षेत्र के ग्राम आमकाटल निवासी दो लोग शामिल थे। इन्हें परमार्थ निकेतन के कोविड केयर सेंटर में रखा गया था। 

यमकेश्वर के कोविड 19 नोडल अधिकारी डॉ. राजीव ने बताया कि परमार्थ निकेतन व गीता भवन कोविड केयर सेंटरों में कुल 69 कोरोना मरीजों को उपचार के लिए लाया गया था। जिनमें से सभी कोरोना मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर अपने अपने घर जा चुके हैं। यहां से आखिरी पांच लोगों को भी कोरोना मुक्त होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।

उन्होंने बताया कि ब्लॉक में कोरोना संक्रमण का आखिरी मामला 24 जून को रामझूला मे एक सब्जी विक्रेता का सामने आया था। विगत 11 दिनों से कोई भी नया मामला यमकेश्वर में नही आया है। यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूरी ने मामले शून्य होने पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी पौड़ी डॉ. मनोज बहुखंडी व यमकेश्वर के कोविड 19 नोडल अधिकारी डॉ. राजीव कुमार व उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

कोरोना मुक्ति को  किया पंचाग्नि यज्ञ

मुनिकीरेती के तपोवन स्थित स्वामी समर्पण आश्रम में विश्व शांति और कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्ति के लिए पंचाग्नि यज्ञ का आयोजन किया गया। संतों ने यज्ञ में आहुति डालकर स्वस्थ समाज की कामना की। 

तपोवन के घुघतानी स्थित आश्रम परिसर में यज्ञ का पूर्णाहुति के साथ समापन हुआ। आश्रम के संस्थापक स्वामी समर्पणानंद सरस्वती ने कहा कि पंचाग्नि विद्या में पांच अग्नि कुंड के ऊपर ध्यान करना होता है। चाणक्य उपनिषद में इस विद्या का उल्लेख मिलता है। वैदिक ग्रंथों में भी इसकी व्यापक व्याख्या की गई है। 

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उन्होंने कहा कि पंचाग्नि विद्या में पृथ्वी और आकाश के रूपों का वर्णन किया गया है। माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए पंचाग्नि यज्ञ किया था। पांच अग्निकुंड के बीच बैठकर सूर्य की आराधना एवं ध्यान इस अवधि में किया गया। उन्होंने कहा कि इस साधना को करने के लिए काम, लोभ, मोह, क्रोध और मद्य का त्याग करना पड़ता है। इस यज्ञ से वायुमंडल शुद्ध होता है। स्वामी निरंजनानंद सरस्वती, स्वामी शिवानंद सरस्वती के सानिध्य में यज्ञ संपन्न हुआ। 

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