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Rajaji Tiger Reserve: राजाजी टाइगर रिजर्व में छह या सात दिसंबर को शिफ्ट होगा पहला बाघ

Rajaji Tiger Reserve राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में बाघ शिफ्टिंग के लिए चार साल से चल रही मुहिम अब आकार लेने जा रही है। कार्बेट टाइगर रिजर्व में पांच बाघ (तीन नर व दो मादा) चिह्नित करने के बाद अब एक-एक कर इन्हें यहां लाया जाएगा।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 06:45 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 06:45 AM (IST)
Rajaji Tiger Reserve: राजाजी टाइगर रिजर्व में छह या सात दिसंबर को शिफ्ट होगा पहला बाघ
राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में बाघ शिफ्टिंग के लिए चल रही मुहिम अब आकार ले रही है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: Rajaji Tiger Reserve राजाजी टाइगर रिजर्व के मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में बाघ शिफ्टिंग के लिए चार साल से चल रही मुहिम अब आकार लेने जा रही है। कार्बेट टाइगर रिजर्व में पांच बाघ (तीन नर व दो मादा) चिह्नित करने के बाद अब एक-एक कर इन्हें यहां लाया जाएगा। इसके लिए पहला ऑपरेशन छह अथवा सात दिसंबर को चलेगा, जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार बाघ को रेडियो कॉलर लगाने और फिर उसे यहां लाने को पांच दिसंबर को टीम कार्बेट के लिए रवाना होगी। उन्होंने बताया कि किसी क्षेत्र में बाघों की संख्या बढ़ाने के मद्देनजर शिफ्टिंग का यह अपनी तरह का पहला प्रयास है।

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राजाजी टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 37 है, लेकिन ये चीला, रवासन व गौहरी क्षेत्रों तक ही सिमटे हैं। रिजर्व के मध्य में गंगा नदी, रेलवे ट्रैक व हाईवे होने के कारण यहां से बाघ रिजर्व के दूसरे हिस्से मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में नहीं आ-जा पाते। इस क्षेत्र में वर्षों से दो बाघिनें ही मौजूद हैं। यहां बाघों के लिए बेहतर वासस्थल होने के मद्देनजर इनकी संख्या बढ़ाने के लिए वर्ष 2016 में कार्बेट से यहां बाघ शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण से हरी झंडी मिलने के बाद अब यह मुहिम धरातल पर उतरने जा रही है। इसके परवान चढ़ने पर मोतीचूर-धौलखंड क्षेत्र में बाघों की दहाड़ सुनाई पड़ेगी।

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राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक सुहाग ने बताया कि बाघों की शिफ्टिंग के मद्देनजर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कार्बेट से लाए जाने वाले बाघों को पहले मोतीचूर में बनाए गए बाड़े में रखा जाएगा। फिर इन्हें मोतीचूर-धौलखंड में छोड़ा जाएगा। इसकी रिहर्सल हो चुकी है। उन्होंने बताया कि छह या सात दिसंबर को पहला बाघ यहां लाने की तैयारी है। इस संबंध में टीम गठित कर दी गई है, जो पांच दिसंबर को कार्बेट जाएगी। बाघ को दो-तीन दिन मोतीचूर स्थित बाड़े में रखकर उसके व्यवहार का अध्ययन किया जाएगा और फिर उसे मोतीचूर-धौलखंड में छोड़ा जाएगा। रेडियो कॉलर के जरिये बाघ की निरंतर निगरानी की जाएगी। उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे कर चार अन्य बाघ भी चरणबद्ध ढंग से यहां लाए जाएंगे।

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