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उत्तराखंड: विधायकों की पूरी हुई मुराद, 140 करोड़ की निधि मंजूर; गति पकड़ेंगे विकास कार्य

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चुनावी साल में विधायकों की मुराद पूरी कर दी है। विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने के लिए हर विधायक को दो करोड़ की राशि मिलेगी। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में से 140 करोड़ की पहली किस्त को मंजूरी दी गई।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 08:44 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 10:49 PM (IST)
उत्तराखंड: विधायकों की पूरी हुई मुराद, 140 करोड़ की निधि मंजूर; गति पकड़ेंगे विकास कार्य
उत्तराखंड: विधायकों की पूरी हुई मुराद, 140 करोड़ की निधि मंजूर।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चुनावी साल में विधायकों की मुराद पूरी कर दी है। विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति देने के लिए हर विधायक को दो करोड़ की राशि मिलेगी। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में से 140 करोड़ की पहली किस्त को मंजूरी दी गई है।

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एक मनोनीत समेत मौजूदा कुल 70 विधायकों को यह राशि मिलेगी। हालांकि, राज्य विधानसभा में एक मनोनीत समेत कुल विधायकों की संख्या 71 है। गंगोत्री विधानसभा सीट रिक्त होने से यह लाभ फिलहाल क्षेत्रवासियों को नहीं मिल सकेगा। क्षेत्रीय विधायक गोपाल सिंह रावत का बीमारी के चलते निधन हो चुका है। सरकार ने हर विधायक के लिए एक वित्तीय वर्ष में 2.75 करोड़ विधायक निधि का प्रविधान किया है।

ग्राम्य विकास अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने विधायक निधि की पहली किस्त के संबंध में उक्त आदेश मंगलवार को जारी किए। शासन ने इस निधि का इस्तेमाल विधायक निधि को लेकर जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों के मुताबिक करने के आदेश दिए हैं। पहले इस मद में जारी की गई धनराशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र भी उपलब्ध कराना होगा। 

विधायक निधि योजना के तहत आनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा। इसमें सभी स्वीकृतियां, खर्च और भुगतान का ब्योरा दर्ज होगा। इससे निधि के इस्तेमाल में पारदर्शिता आएगी। साथ में जिलों और विभागों के लिए भी इस राशि के उपयोग में लेटलतीफी पर लगाम कसेगी। विधायकों की ओर से अक्सर ऐसी शिकायतें की जाती रहीं हैं। अहम बात ये भी है कि इस निधि से होने वाले कार्यों के अनुश्रवण के लिए मैनेजमेंट इनफोरमेशन सिस्टम (एमआइएस) एवं जियोटैगिंग की व्यवस्था अनिवार्य की गई है। 

इससे निर्माण कार्यों का मौका मुआयना पुख्ता तरीके से मुमकिन होगा। शासन ने यह भी साफ कर दिया है कि विधायक की ओर से संस्तुत कार्यस्थल में अब उनकी सहमति के बगैर बदलाव नहीं किया जा सकेगा। इस राशि से सबसे पहले चालू निर्माण कार्यों को तय समय के भीतर पूरा करने को प्राथमिकता दी जाएगी।

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