एक साल से दस्तावेजों का नवीनीकरण न होने से विभाग को आर्थिक नुकसान
प्रदेश में वाहनों के दस्तावेजों की वैधता की समय सीमा बढ़ने से परिवहन विभाग को राजस्व का खासा नुकसान हो रहा है। बीते वर्ष लागू लाकडाउन के बाद यह पांचवी बार है जब दस्तावोजों की समय सीमा को बढ़ाया गया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में वाहनों के दस्तावेजों की वैधता की समय सीमा बढ़ने से परिवहन विभाग को राजस्व का खासा नुकसान हो रहा है। बीते वर्ष लागू लाकडाउन के बाद यह पांचवी बार है जब दस्तावोजों की समय सीमा को बढ़ाया गया है। जिस तरह से अभी कोरोना संक्रमण की रफ्तार चल रही है, उससे एक बार फिर इस समय सीमा के बढ़ने की संभावना है। इन परिस्थितियों में यह माना जा रहा है कि चारधाम यात्रा के दौरान परिवहन विभाग को पुराने दस्तावेज ही मान्य करने होंगे।
प्रदेश में बीते वर्ष मार्च में सरकार ने फरवरी तक वैध सभी दस्तावेजों की समय सीमा 30 जून तक बढ़ाई थी। इसका कारण लाकडाउन लगना था। इसके बाद जब लाकडाउन खुला तो यह समय सीमा बढ़ाकर 31 जुलाई की गई। कहा गया कि दस्तावेजों को बनाने के लिए कार्यालयों में भीड़ बढ़ रही है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसके बाद यह समय सीमा 30 सितंबर और फिर दिसंबर तक बढ़ाई गई। इस वर्ष यह समय सीमा एक बार फिर 31 मार्च तक बढ़ाई गई।
हालांकि, इस अवधि में कई वाहन स्वामियों ने अपने दस्तावेजों का नवीनीकरण करा लिया था। अब कोरोना संक्रमण के एक बार फिर बढ़ने पर यह समय सीमा 30 जून 2021 तक बढ़ाई गई है। जिस तरह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है, उससे एक बार फिर इसकी समयसीमा बढ़ाने की संभावना बलवती हो रही है। इससे विभाग को नवीनीकरण से मिलने वाले राजस्व का नुकसान हो रहा है।
उप आयुक्त परिवहन एसके सिंह का कहना है कि मौजूदा परिस्थिति में वाहनों के दस्तावेज 30 जून तक मान्य हैं। ऐसे में 20 फरवरी 2020 को वैध दस्तावेज अभी भी मान्य होंगे। उन्होंने कहा कि इस समयसीमा को बढ़ाने से विभाग को राजस्व का नुकसान हो रहा है। हालांकि, यह निर्णय सरकार ने वाहन स्वामियों की जरूरत के हिसाब से लिया है।
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