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बसों का संचालन बंद होने से निगम के सामने आर्थिक संकट, कर्मचारियों को वेतन देने को भी पैसे नहीं

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अंतरराज्यीय मार्गों पर परिवहन निगम की बसों का संचालन पूरी तरह बंद हो गया है। इससे पहले ही घाटे में चल रहे निगम को तगड़ा झटका लगा है। निगम को इससे प्रतिमाह तकरीबन 25 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 04:59 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 10:27 PM (IST)
बसों का संचालन बंद होने से निगम के सामने आर्थिक संकट, कर्मचारियों को वेतन देने को भी पैसे नहीं
बसों का संचालन बंद होने से निगम के सामने आर्थिक संकट।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अंतरराज्यीय मार्गों पर परिवहन निगम की बसों का संचालन पूरी तरह बंद हो गया है। इससे पहले ही घाटे में चल रहे निगम को तगड़ा झटका लगा है। निगम को इससे प्रतिमाह तकरीबन 25 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। स्थिति यह है कि निगम के पास कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए पैसे नहीं हैं। कर्मचारियों को जनवरी से वेतन नहीं दिया जा सका है। इसे देखते हुए निगम ने अब सरकार से हिल लास के सापेक्ष 20 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान करने की मांग की है, ताकि निगम कर्मियों को एक माह का वेतन दिया जा सके। 

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राज्य गठन के बाद से ही परिवहन निगम घाटे में चल रहा है। बीते कुछ वर्षों में निगम में के बस बेड़े में नई बसें जोड़ी गईं। वाल्वो जैसी बसें अनुबंध के आधार पर लगाई गईं। इससे निगम की माली हालात धीरे-धीरे सुधरने लगी थी। निगम को नई बसों को खरीदने के लिए ही शासन के जरिये ऋण लेना पड़ रहा था। शेष खर्च वह स्वयं ही वहन कर रहा था। बीते वर्ष कोरोना के कारण लागू लाकडाउन के बाद निगम की बसों का संचालन भी तकरीबन तीन माह पूरी तरह ठप रहा। इससे निगम की आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमरा गई। 

कारण यह कि बसों का संचालन ही निगम की आय का सबसे बड़ा जरिया है। लाकडाउन खुलने के बाद स्थिति पटरी पर आनी शुरू हुई। निगम की आय प्रतिदिन सवा करोड़ के आसपास तक आ गई थी। निगम को इस दौरान कुंभ और फिर यात्रा सीजन से काफी उम्मीदें बंधी। हालांकि, अप्रैल में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आने के बाद बसों में पहले 50 फीसद क्षमता के साथ सवारियों का संचालन शुरू किया गया। 

इसके बाद अब बसों का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इससे निगम के सामने आय को कोई जरिया ही नहीं बचा है। परिवहन निगम के महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन का कहना है कि निगम के पास आय का अभी कोई साधन नहीं है। इसलिए शासन से कर्मचारियों के वेतन के लिए हिल लास के सापेक्ष 20 करोड़ रुपये के अग्रिम भुगतान की मांग की गई है।

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