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वित्त आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेगा सुनवाई, जानिए कब होगी सुनवाई

कोरोना की वजह से पांचवां राज्य वित्त आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला स्तर पर सुनवाई करेगा। 23 नवंबर को उत्तरकाशी और 25 नवंबर को टिहरी जिले के लिए सुनवाई होगी। राज्य वित्त आयोग अब तक रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में जन सुनवाई बैठक कर चुका है।

By Sumit KumarEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 04:07 PM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 04:07 PM (IST)
वित्त आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करेगा सुनवाई, जानिए कब होगी सुनवाई
कोरोना की वजह से पांचवां राज्य वित्त आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला स्तर पर सुनवाई बैठकें करेगा।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना वायरस संक्रमण बढऩे की वजह से पांचवां राज्य वित्त आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला स्तर पर सुनवाई बैठकें करेगा। इस कड़ी में 23 नवंबर को उत्तरकाशी और 25 नवंबर को टिहरी जिले के लिए सुनवाई होगी। राज्य वित्त आयोग अब तक रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में जन सुनवाई बैठक कर चुका है। आयोग की टीम ने उक्त दोनों जिलों में जाकर जन सुनवाई की थी। इस बीच कोरोना वायरस संक्रमण बढऩे के बाद आयोग को अपनी कार्ययोजना में तब्दीली करनी पड़ी है। अब आगे बैठकें वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होंगी। आयोग के सदस्य सचिव भूपेश चंद्र तिवारी ने बताया कि उत्तरकाशी और टिहरी जिलों की बैठकों के संबंध में दोनों जिलाधिकारियों को गुरुवार को पत्र भेजा गया है।

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 वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था सूचना प्रौद्योगिकी विकास अभिकरण (आइटीडीए) के माध्यम से की जा रही है। इसमें आयोग अध्यक्ष इंदु कुमार पांडे दोनों जिलों के शहरी निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। शहरी निकायों के मामले में अधिशासी अधिकारी, जिला पंचायतों में अपर मुख्य अधिकारी और क्षेत्र-ग्राम पंचायतों में जिला पंचायतीराज अधिकारी को अपने-अपने निकायों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों की बैठक में भागीदारी सुनिश्चित करानी होगी। 

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आयोग ने प्रत्येक स्तर पर एक-एक नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में 13 जिलों में 90 शहरी निकायों में आठ नगर निगम, 41 नगर पालिका परिषद और 41 नगर पंचायतें हैं। इन निकायों और पंचायतों की माली हालत सुधारने और राज्य के राजस्व में उनकी हिस्सेदारी तय करने की मुहिम में आयोग जुटा है। एक अप्रैल, 2021 से प्रारंभ होने वाले पांच वित्तीय वर्ष की अवधि के लिए आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।

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