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उत्तराखंड: आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग से करेगा अगली सुनवाई, जानिए वजह

उत्तराखंड के शहरी निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों की राज्य को होने वाली आमदनी में हिस्सेदारी जल्द तय होगी। पांचवां राज्य वित्त आयोग इस संबंध में निकायों और पंचायतों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों से सुनवाई का दूसरा दौर शुरू करेगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 04:58 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 04:58 PM (IST)
उत्तराखंड: आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग से करेगा अगली सुनवाई, जानिए वजह
उत्तराखंड: आयोग वीडियो कांफ्रेंसिंग से करेगा अगली सुनवाई।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। राज्य के शहरी निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों की राज्य को होने वाली आमदनी में हिस्सेदारी जल्द तय होगी। पांचवां राज्य वित्त आयोग इस संबंध में निकायों और पंचायतों के प्रतिनिधियों और अधिकारियों से सुनवाई का दूसरा दौर शुरू करेगा। कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर अब अगली बैठकें वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होंगी। 

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प्रदेश में 90 शहरी निकायों में आठ नगर निगम, 41 नगर पालिका परिषद और 41 नगर पंचायतें हैं। अन्य दो नगर पंचायतों का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। त्रिस्तरीय पंचायतों में 13 जिला पंचायतें, 95 क्षेत्र पंचायतें और 7791 ग्राम पंचायतें हैं। इन निकायों और पंचायतों की माली हालत सुधारने और राज्य के राजस्व में उनकी हिस्सेदारी तय करने की मुहिम में आयोग जुटा हुआ है। इसे एक अप्रैल, 2021 से प्रारंभ होने वाले पांच वित्तीय वर्ष की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट तैयार करनी है। 

वित्त सचिव अमित नेगी ने बताया कि आयोग पंचायतों और स्थानीय निकायों की आर्थिक स्थिति की समीक्षा कर रहा है। आयोग की ओर से सभी निकायों और पंचायतों को प्रश्नावलियां भेजी गईं थी। इनके माध्यम से उक्त संस्थाओं की आमदनी के मौजूदा स्रोत, उनकी समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी ली गई है। आयोग इनकी वित्तीय स्थिति में सुधार लाने के उपाय भी सुझाएगा। 

दरअसल जनता से सीधे जुड़ी रहने वाली इन छोटी सरकारों के कामकाज की मौजूदा प्रणाली को बदलने की जरूरत महसूस की जा रही है। आयोग इस बारे में भी अपने सुझाव राज्य सरकार को देगा। उन्होंने बताया निकायों और पंचायतों के प्रतिनिधियों से सुनवाई का एक चरण पूरा हो चुका है। अगले चरण की सुनवाई जल्द होगी। 

तीन माह बढ़ा कार्यकाल

पांचवें राज्य वित्त आयोग का कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ाया गया है। आयोग का कार्यकाल अब आगामी जनवरी माह में खत्म होगा। पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय की अध्यक्षता में एक वर्ष के लिए गठित तीन सदस्यीय आयोग का कार्यकाल बीते तीन नवंबर तक था। आयोग के सदस्य सचिव अपर सचिव वित्त भूपेश चंद्र तिवारी व सदस्य सुरेंद्र सिंह रावत हैं। कोरोना महामारी की वजह से आयोग की रिपोर्ट तैयार होने में लग रहे वक्त को देखते हुए सरकार ने कार्यकाल जनवरी तक बढ़ा दिया है।


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