नगर निगम में कार्यकारिणी चुनाव में कांग्रेसी पार्षदों में मारपीट Dehradun News
नगर निगम में कार्यकारिणी चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत में ही टिकट को लेकर कांग्रेस की दो महिला पार्षदों में मारपीट हो गई। जिससे सदन की कार्रवाई करीब आधे घंटे रोकनी पड़ी।
देहरादून, जेएनएन। नगर निगम में कार्यकारिणी चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत में ही टिकट को लेकर कांग्रेस की दो महिला पार्षदों में मारपीट हो गई। बोर्ड बैठक के दौरान सदन में महापौर सुनील उनियाल गामा की मौजूदगी में दोनों पार्षदों ने एक-दूसरे को थप्पड़ मारा, जिससे सदन में जमकर हंगामा हुआ। जिससे सदन की कार्रवाई करीब आधे घंटे रोकनी पड़ी और महापौर ने दोनों पार्षदों को कक्ष में बुलाकर कड़ी चेतावनी दी। दोनों पार्षदों ने घटना पर खेद जताया, तब सदन की कार्रवाई दोबारा शुरू हुई। हालांकि, घटना के बाद कांग्रेस ने दोनों पार्षदों काकार्यकारिणी चुनाव से पत्ता काटकर दूसरे पार्षदों को टिकट थमा दिया। चुनाव निर्विरोध संपन्न हुए, जिसमें भाजपा के 10 व कांग्रेस के दो सदस्य चुने गए।
नगर निगम की दो दिवसीय बोर्ड बैठक के पहले दिन सुबह निगम कार्यकारिणी के 12 सदस्य पदों पर चुनाव की नामांकन प्रक्रिया शुरू हुई। भाजपा ने एक दिन पहले ही अपने पत्ते खोल दिए थे। अपने लिए 10 सीटें रखकर दो सीटें कांग्रेस के लिए रिजर्व छोड़ दी थी। कांग्रेस चार सीटें मांग रही थी, लेकिन महापौर ने इससे इन्कार कर दिया और स्पष्ट कर दिया कि अगर कांग्रेस चाहती है तो भाजपा मतदान कराने के लिए भी तैयार है।
सुबह प्रक्रिया शुरू होने के बाद तक कांग्रेस नाम तय नहीं कर सकी। दूसरी तरफ भाजपा से तय पार्षदों ने नामांकन की शुरुआत कर दी। इसी बीच यमुना कालोनी से कांग्रेसी पार्षद सुमित्रा ध्यानी और बल्लूपुर से पार्षद कोमल बोहरा के बीच मारपीट हो गई। दोनों में जमकर थप्पड़ चले। इस बीच दूसरे पार्षदों ने बीच-बचाव कर उन्हें अलग किया, लेकिन इसके बाद भी हंगामा चलता रहा।
दरअसल, कांग्रेस इन दोनों में से एक को टिकट देना चाह रही थी। मारपीट जैसी घटना के बाद पार्टी हाईकमान ने सुमित्रा और कोमल के टिकट काटकर उर्मिला थापा एवं राजेश परमार के टिकट फाइनल कर दिए। इसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से कार्यकारिणी निर्विरोध चुन ली गई। चुनाव अधिकारी एवं नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने विजयी कार्यकारिणी का एलान किया।
कांग्रेस भवन से ही थी तनानती
महिला पार्षद सुमित्रा ध्यानी और कोमल बोहरा के बीच आठ जनवरी की शाम कांग्रेस भवन में टिकट को लेकर बुलाई गई बैठक से ही तनातनी चल रही थी। दरअसल, पार्टी को लग रहा था कि भाजपा उन्हें चार सीटें देने को राजी हो जाएगी। इसलिए पार्टी ने चार पार्षदों के नाम तय किए। इसमें कोमल व सुमित्रा के साथ ही उर्मिला थापा व राजेश परमार के नाम शामिल थे। पार्टी को खतरा था कि यदि भाजपा ने चार सीटें नहीं दी तो उस परिस्थिति में दो पार्षद कौन होंगें, जिन्हें टिकट दिया।
इस पर कोमल बोहरा ने पर्ची के जरिए दो नाम तय करने को कहा। सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर सुमित्रा ध्यानी अड़ गईं व उनका टिकट कन्फर्म करने को कहा। इसी दौरान सुमित्रा व कोमल में विवाद हो गया। वहां तो मामला शांत हो गया, लेकिन अगले दिन सुबह एक-दूसरे के सामने आते ही दोनों में मारपीट हो गई। हंगामे की सूचना पर कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार और महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा भी निगम पहुंच गए और दोनों पार्षदों के टिकट काट दिए।
कार्यकारिणी के नवनिर्वाचित सदस्य
- 1. स्वाति डोभाल (वार्ड-100)
- 2. वीना रतूड़ी (वार्ड-93)
- 3. अर्चना पुंडीर (वार्ड-42)
- 4. आलोक कुमार (वार्ड-72)
- 5. राकेश मचकोला (वार्ड-30)
- 6. विनोद कुमार (वार्ड-97)
- 7. अभिषेक पंत (वार्ड-60)
- 8. दिनेश चंद्र सती (वार्ड-82)
- 9. भूपेंद्र कठैत (वार्ड-8)
- 10. विमल चंद्र उनियाल (वार्ड-52)
- 11. उर्मिला थापा (वार्ड-4)
- 12. राजेश परमार (वार्ड-79)
कोमल बोहरा (कांग्रेसी पार्षद) का कहना है कि कांग्रेस भवन में हुई बैठक में प्रदेश अध्यक्ष ने सभी पार्षदों को एक साथ एक राय होकर चलने को कहा था। मैं बैठक में पहले पहुंच गई एवं कांग्रेसी पार्षदों के लिए सीट रोक ली। जब सुमित्रा वहां पहुंची और मैनें उन्हें सीट पर बैठने को कहा तो बेवजह वे नाराज हो गईं। मुझे भला-बुरा कहा और फिर मेरी सीट पर बैठ गईं। जब मैनें अपनी सीट से हटने को बोला तो उन्होंने हाथापाई शुरू कर दी। मैनें पार्टी आलाकमान से इस संबंध में शिकायत की है। अगर पार्टी द्वारा कार्रवाई नहीं की गई तो मैं कानूनी कार्रवाई करूंगी।
सुमित्रा ध्यानी (कांग्रेसी पार्षद) का कहना है कि मेरा किसी से विवाद नहीं हुआ। मुझ पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। मुझे ज्यादा कुछ नहीं कहना।
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सुनील उनियाल गामा (महापौर) ने कहा है कि सदन में कांग्रेस की महिला पार्षदों के बीच जो कुछ हुआ, वह बेहद गंभीर बात है। भाजपा के पार्षद पूरी तरह अनुशासित हैं। हम दलगत राजनीति से ऊपर दोनों ही पार्टियों के पार्षदों से अनुशासन की उम्मीद करते हैं। भविष्य में इस तरह की घटना पर संबंधित पार्षद के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
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