उद्घाटन के बाद से ही महिला हॉस्टल में सन्नाटा, अब किराया घटाने पर किया जा रहा विचार
देहरादून के सर्वे चौक पर कामकाजी महिलाओं के लिए बने जिस हॉस्टल का आठ अगस्त को उद्घाटन किया था वह अब तक खाली है।
देहरादून, रीतिका पठानिया। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने कामकाजी महिलाओं के लिए बने जिस हॉस्टल का आठ अगस्त को उद्घाटन किया था, वह अब तक खाली है। सर्वे चौक पर 96 कमरों वाली इस छह मंजिली इमारत में आने से कामकाजी महिलाएं कतरा रही हैं। वजह है किराया। केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार यहां रहने के लिए वेतन का 10 से 15 फीसद किराये के तौर पर देना होगा। गढ़वाल की प्रसिद्ध वीरांगना तीलू रौतेली के नाम पर बनाए गए इस हॉस्टल के निर्माण पर 25 लाख रुपये खर्च किए गए।
पौड़ी जिले की संगीता पेशे से नर्स हैं। वह बतौर पेइंग गेस्ट रह रही हैं और हॉस्टल में कमरा लेना चाहती हैं, लेकिन किराया बहुत अधिक है। संस्कृति विभाग में कार्यरत आकांक्षा जुगरान भी ऐसा आवास तलाश रही हैं, जहां अपने बजट में बेटी के साथ रह सकें। पेइंग गेस्ट के तौर पर रहने से वह बेटी को साथ नहीं रख पा रहीं। कहती हैं कि यदि किराया कम हो जाता तो हॉस्टल बेहतर विकल्प हो सकता था।
महिला एंव समाज कल्याण विभाग की निदेशक झरना कमठान भी हकीकत समझती हैं। वह बताती है कि केंद्र सरकार की स्पेशल प्रोजेक्ट असिस्टेंट योजना के तहत हॉस्टल का निर्माण कराया गया है। इसके निर्माण का मुख्य उद्देश्य कामकाजी महिलाओं और छात्राओं को सुरक्षित आवास मुहैया कराना है। यहां 24 घंटे सिक्योरिटी गार्ड और वार्डन उपलब्ध रहेंगी। कमठान के अनुसार पिछले माह इस मुद्दे पर बैठक की गई। इसके लिए गाइड लाइंस बनाई जानी हैं। उन्होंने बताया कि कार्यवाही जारी है, किराया दरों में बदलाव तय है, लेकिन अंतिम निर्णय बाकी है।
सिंगल रूम के किराये में हो सकती है दो हजार रुपये की कमी
अभी हॉस्टल में किसी भी कामकाजी महिला को सिंगल रूम के किराए के तौर पर वेतन का 15 फीसद धनराशि चुकानी होगी, जबकि शेयरिंग में यह 10 फीसद होगी। बताया जा रहा है कि अब इसमें दो हजार रुपये तक की कमी की जा सकती है।
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