बालक पर भालू ने किया हमला, पिता ने लाठियों से प्रहार कर भालू को भगाया
यमकेश्वर प्रखंड के गैंड गांव में बुधवार की सुबह गांव से दुकान में सामान लेने जा रहे एक बालक पर भालू ने हमला कर दिया। जिससे वह घायल हो गया। साथ चल रहे पिता ने भालू को लाठियों से प्रहार कर भगाया और बच्चे को बचाया।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। यमकेश्वर प्रखंड के गैंड गांव में बुधवार की सुबह गांव से दुकान में सामान लेने जा रहे एक बालक पर भालू ने हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया। साथ चल रहे पिता ने भालू को लाठियों से प्रहार कर भगाया और बच्चे को बचाया। इस दौरान वह भी जख्मी हो गए। दोनों को 108 आपात सेवा की मदद से राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश भेजा गया है। घटनास्थल से तीन किलोमीटर की दूरी पर बीती 13 अप्रैल को भी दो भालू ने हमला कर दो किशोरी और एक महिला को घायल कर दिया था।
यमकेश्वर प्रखंड की ग्रामसभा गैंड के अंतर्गत गांव सिल्वानी निवासी अनिल कुमार (42 वर्ष) पुत्र गिरधारी बुधवार की सुबह करीब आठ बजे अपने पुत्र मनजीत (13 वर्ष) के साथ के पड़ोस के गांव घाईखाल में सामान लेने जा रहे थे। यह दुकान पूर्व ग्राम प्रधान कृष्णा सिंह नेगी की है। पिता पुत्र घर से चले ही थे कि करीब 200 मीटर आगे जंगल क्षेत्र में दो भालू अचानक पीछे से आए और एक भालू ने मनजीत पर हमला कर दिया।
उसके पिता अनिल कुमार थोड़ा दूरी पर चल रहे थे। उन्होंने लाठी से हमलावर भालू पर प्रहार करने शुरू कर दिए। बाद में दोनों भालू बालक को छोड़ जंगल की ओर भाग गया। पूर्व प्रधान कृष्णा सिंह नेगी ने बताया कि इस घटना में बालक मनजीत ज्यादा जख्मी हुआ है। जबकि उसके पिता को भी भालू ने नाखून से जख्मी किया है। दोनों घायलों को सिगड्डी से पूर्व प्रधान कृष्णा सिंह अपनी बाइक पर मोहनचट्टी लाए। जहां से 108 सेवा की मदद से राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश भेजा गया है।
तीन सप्ताह पूर्व भी किया था हमला
बीती 13 अप्रैल को भी यमकेश्वर प्रखंड के घाई खाल क्षेत्र अपने गांव से दूसरे गांव सरकारी दुकान में राशन लेने जा रही एक महिला और दो बालिका पर दो भालू ने हमला कर दिया था। आसपास घास लेने गई महिलाओं ने शोर मचाकर भालुओं को भगाया था। तीनों घायलों को राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश लाया गया था। घाईखाल क्षेत्र की घटना में सुली देवी (40 वर्ष) पत्नी रमेश सिंह, मोनिका (14 वर्ष) पुत्री रणजीत सिंह, सोनिका (13 वर्ष) पुत्री जोगेंद्र सिंह घायल हुए थे। जिला पंचायत सदस्य विनोद डबराल ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया है। उन्होंने बताया कि तीन सप्ताह पूर्व की घटना के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ाने की बात कही थी, लेकिन फिर से हुई इस घटना ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
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