मार्ग बंद होने से किसान परेशान, दो-तीन किमी तक पीठ पर लादकर ले जाना पड़ता है सामान
सड़क कार्य सही नहीं होने से गोराघाटी-रंगेऊ-बरौंथा मार्ग की हालत काफी खराब है। कुछ दिन पहले बारिश के चलते मार्ग पर जगह-जगह मलबा आने से वाहनों का संचालन बंद है।
चकराता(देहरादून), जेएनएन। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत करोड़ों की लागत से बन रहे गोराघाटी-रंगेऊ-बरौंथा मार्ग की हालत काफी खराब है। सड़क कार्य सही नहीं होने से यहां कुछ दिन पहले बारिश के चलते मार्ग पर जगह-जगह मलबा आने से वाहनों का संचालन बंद है। जिस कारण ग्रामीण किसानों को अपनी कृषि उपज खेतों से पीठ पर लादकर मीलों दूर ले जानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मार्ग को खोलने की गुहार लगाई है।
चकराता ब्लॉक के सुदूरवर्ती रंगेऊ पंचायत समेत आसपास के गांवों व मजरों को सड़क सुविधा से जोड़ने वाले गोराघाटी-रंगेऊ-बरौंथा मार्ग शुरुआती चरण से ही विवादों में रहा है। करोड़ों की लागत से बन रहे इस मार्ग निर्माण कार्य के दौरान लोगों ने सड़क के लेआउट को लेकर कई बार सवाल उठाए, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
यहां मामूली बारिश होने से मार्ग बार-बार बंद हो जाता है। इस कारण लोगों को घर से मुख्य मार्ग तक आने-जाने को मीलों दूर पैदल चलना पड़ता है। ग्राम प्रधान करिश्मा रावत, पूर्व प्रधान मातबर सिंह रावत, स्याणा प्रताप सिंह रावत, सामाजिक कार्यकर्ता यशपाल सिंह रावत, मायाराम शाह, अतर सिंह रावत आदि ने कहा जनता की सुविधा को बन रहे इस मार्ग का ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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उनका कहना है कि सड़क का समरेखण सही तरीके से नहीं होने और मार्ग निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप नहीं होने से ग्रामीण जनता को आए दिन बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है। ग्राम प्रधान करिश्मा रावत और पूर्व प्रधान मातबर सिंह रावत ने कहा सड़क कार्य की निम्न गुणवत्ता के चलते यहां कुछ दिन पहले हुई बारिश के दौरान गोराघाटी से रंगेऊ के बीच कई जगह सड़क की सुरक्षा दीवारें गिर गई थी, जिससे मार्ग पर जगह-जगह मलबा जमा होने से वाहनों की आवाजाही बाधित है। मार्ग पर कम चौड़ाई वाले डेंजर जोन हिस्से में सड़क कटिंग कार्य तय मानकों के अनुरूप नहीं है।
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