देहरादून में मरीज का हाल जानने के लिए काट रहे अस्पताल के चक्कर
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मरीज अस्पताल के भीतर जंग लड़ रहे हैं तो बाहर स्वजन उनका हाल जानने के लिए परेशान हैं। स्थिति यह है कि अपनों के स्वास्थ्य की चिंता स्वजनों को अस्पताल तक खींच ला रही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मरीज अस्पताल के भीतर जंग लड़ रहे हैं तो बाहर स्वजन उनका हाल जानने के लिए परेशान हैं। स्थिति यह है कि अपनों के स्वास्थ्य की चिंता स्वजनों को अस्पताल तक खींच ला रही है। अपने मरीज का हाल जानने के लिए लोग दिनभर अस्पताल परिसर में जुटे रहते हैं। इस तरह अस्पताल के चक्कर काटने से उनमें भी संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।
जिन अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है, वहां संबंधित वार्ड या क्षेत्र में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को छोड़कर अन्य किसी के भी जाने पर रोक है। ऐसे में कोरोना संक्रमित जिन मरीजों के पास अपना मोबाइल फोन है, उनसे तो स्वजनों का सीधा संपर्क हो जा रहा है। लेकिन, जिन मरीजों के पास मोबाइल फोन नहीं है, उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए स्वजन अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावा जो मरीज मोबाइल फोन होते हुए भी बात करने की स्थिति में नहीं हैं या किसी कारणवश कॉल रिसीव नहीं कर पा रहे हैं, उनका हाल जानने के लिए भी अस्पताल परिसर में जमावड़ा लग रहा है। रविवार को भी दून अस्पताल व कोरोनेशन अस्पताल में ऐसे लोग की भीड़ रही, जिनके अपने अस्पताल में भर्ती हैं।
दून अस्पताल की इमरजेंसी के बाहर मौजूद अतुल ने बताया कि वह शनिवार शाम से अस्पताल में ही हैं। उनका भाई इमरजेंसी वार्ड में भर्ती है। फिलहाल अस्पताल में बेड की किल्लत है। ऐसे में उन्हें चिंता इस बात की सता रही है कि भाई को वार्ड में बेड मिलेगा भी या नहीं। वहीं, रवि जोशी दून अस्पताल के पीआरओ कक्ष में अपने स्वजन का हाल पूछने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती उनके मरीज से फोन पर कभी बात होती है और कभी नहीं। दून अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी संदीप राणा ने बताया कि मरीजों के स्वजन पीआरओ कक्ष आकर उनकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अस्पताल ने मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। इन पर संपर्क कर मरीज का हाल जान सकते हैं।
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