उत्तराखंड में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बनेगी निर्यात नीति, मिलेगा प्रोत्साहन
अब स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने की तैयारी में जुट गई है। इस कड़ी में राज्य की निर्यात नीति बनाई जा रही है। इस नीति में इस तरह के प्रविधान किए जाएंगे जिससे स्थानीय उत्पादों को निर्यात के लिए प्रोत्साहन मिल सके।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड सरकार अब स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने की तैयारी में जुट गई है। इस कड़ी में राज्य की निर्यात नीति बनाई जा रही है। इस नीति में इस तरह के प्रविधान किए जाएंगे, जिससे स्थानीय उत्पादों को निर्यात के लिए प्रोत्साहन मिल सके। उद्योग विभाग इसके लिए अन्य राज्यों की निर्यात नीति का अध्ययन कर रहा है। इसके आधार पर नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार इस समय स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में एक जिला दो उत्पाद योजना शुरू की गई है, जिसके लिए उत्पादों का चयन कर लिया गया है। इसके अलावा कई अन्य ऐसे उत्पाद हैं जो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपनी चमक बिखेर सकते हैं। दरअसल, प्रदेश में भौगोलिक कठिनाइयों के बावजूद गत वर्षों में प्रदेश से निर्यात की में लगातार वृद्धि हुई है। संपूर्ण निर्यात की दृष्टि से उत्तराखंड देश में 19 वें स्थान पर है।
राज्य से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 16971 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया। इसमें सबसे अधिक निर्यात फार्मास्यूटिकल, इंजीनियरिंग, प्लास्टिक और कृषि व अन्य उत्पादों का रहा। हालांकि, कृषि व अन्य उत्पादों का कुल 245 करोड़ का ही निर्यात हुआ। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। स्थानीय उत्पादों को निर्यात के लिए बढ़ावा देने को राज्य और जिला स्तर पर निर्यात प्रोत्साहन समितियों का गठन किया गया है।
समितियां जिले के प्रमुख उत्पादों का चयन कर चुकी हैं। अब निर्यात नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके बाद केंद्र से भी इन उत्पादों के निर्यात के लिए मदद ली जाएगी। सचिव उद्योग अमित नेगी का कहना है कि प्रदेश सरकार स्थानीय उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसी कड़ी में निर्यात नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
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