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देहरादून के प्रतिष्ठित वेल्हम गर्ल्‍स स्कूल में प्रयोगात्मक परीक्षाएं स्थगित, अभिभावकों ने इस कारण उठाई थी मांग

दून के प्रतिष्ठित वेल्हम गर्ल्‍स स्कूल ने बोर्ड कक्षाओं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। स्कूल ने गुरुवार शाम अभिभावकों को इसकी जानकारी दी। इससे पहले स्कूल प्रशासन अभिभावकों पर बच्चों को 17 अप्रैल तक स्कूल लाने के लिए दबाव बना रहा था।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 10:12 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 11:35 PM (IST)
देहरादून के प्रतिष्ठित वेल्हम गर्ल्‍स स्कूल में प्रयोगात्मक परीक्षाएं स्थगित, अभिभावकों ने इस कारण उठाई थी मांग
दून के प्रतिष्ठित वेल्हम गर्ल्‍स स्कूल ने बोर्ड कक्षाओं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून:जागरण संवाददाता, देहरादून: दून के प्रतिष्ठित वेल्हम गर्ल्‍स स्कूल ने बोर्ड कक्षाओं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं स्थगित कर दी हैैं। स्कूल ने गुरुवार शाम अभिभावकों को इसकी जानकारी दी। इससे पहले स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों को बच्चों को 17 अप्रैल तक स्कूल लाने के लिए कहा था। अभिभावकों ने यह दिक्कत राज्य सरकार समेत अन्य मंचों पर उठाई थी। परीक्षा स्थगित होने से अभिभावकों और छात्राओं ने राहत की सांस ली है।

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वेल्हम गल्र्स स्कूल में 10 अप्रैल को सात छात्राओं और चार शिक्षकों/कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। तब स्कूल प्रशासन ने संक्रमितों को स्कूल में ही आइसोलेट कर अन्य छात्राओं को घर भेजने का निर्णय लिया था। बढ़ते कोरोना संक्रमण और इसकी रोकथाम के लिए जारी किए गए तमाम प्रतिबंधों के बीच छात्राओं को घर ले जाने के लिए मुंबई, कोलकाता, दिल्ली समेत देश के कई शहरों से अभिभावक किसी तरह दून पहुंचे, मगर 15 अप्रैल को अचानक स्कूल प्रशासन ने 12वीं कक्षा की छात्राओं को प्रयोगात्मक परीक्षा का हवाला देते हुए 17 अप्रैल तक स्कूल वापस पहुंचने के निर्देश जारी कर दिए। इससे अभिभावकों की दिक्कत बढ़ गई और उन्होंने इतने कम समय में बच्चों को स्कूल पहुंचाने में असमर्थता जताई। गुरुवार को दिनभर चली जिद्दोजहद के बाद स्कूल प्रशासन ने बोर्ड के अधिकारियों से बात कर अभिभावकों की समस्या को देखते हुए परीक्षा स्थगित कर दी। 

यह थी अभिभावकों की समस्या

देश में कोरोना की दूसरी लहर विकराल होती जा रही है। इसके चलते मुंबई, दिल्ली समेत देश के कई शहरों में रात्रि कफ्र्यू और एक से दो दिन की साप्ताहिक बंदी जैसी पाबंदियां लागू कर दी गई हैं। उत्तराखंड में भी महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा समेत 12 राज्यों से आने वाले व्यक्तियों को प्रवेश के लिए 72 घंटे के भीतर कराई गई आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य है। इन हालात में अभिभावकों के लिए दो दिन के भीतर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट के साथ दूरस्थ राज्यों से दून पहुंचना संभव नहीं था। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए अभिभावक स्कूल के निर्देश का विरोध कर रहे थे। 

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वेल्हम गर्ल्‍स स्कूल की प्रिंसिपल पद्मिनी संबाशिवम का कहना है कि छात्राओं की सुरक्षा हमारे लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। बोर्ड के अधिकारियों से बातचीत के बाद हमने प्रयोगात्मक परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय लिया है। स्कूल की ओर से अभिभावकों को इसकी सूचना भी दे दी गई है।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए दिए गए सरकार के निर्देशों का पालन राज्य के हर स्कूल के लिए बेहद जरूरी है। वेल्हम गल्र्स स्कूल के कुछ अभिभावकों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। छात्राओं और अभिभावकों को स्कूल में बुलाने के नाम पर परेशान नहीं किया जाना चाहिए।

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