उत्तराखंड : आबकारी विभाग ने लक्ष्य में मांगी 250 करोड़ की रियायत
आबकारी विभाग इस साल खुद ही मान रहा है कि आबकारी के निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल है। यही कारण है कि आबकारी विभाग ने शासन से इस वर्ष के लिए निर्धारित 3250 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को 3000 करोड़ रुपये करने का अनुरोध किया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार को सबसे अधिक राजस्व देने वाला आबकारी विभाग इस साल खुद ही मान रहा है कि आबकारी के निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचना मुश्किल है। यही कारण है कि आबकारी विभाग ने शासन से इस वर्ष के लिए निर्धारित 3250 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य को 3000 करोड़ रुपये करने का अनुरोध किया है। हालांकि, इस संबंध में अभी तक शासन से अनुमति नहीं मिली है। स्थिति यह है कि इस वर्ष आबकारी महकमा अभी तक कुल दुकानों में से 98 दुकानों का आवंटन नहीं कर पाया है।
उत्तराखंड में आबकारी महकमे से सरकार को अच्छा खासा राजस्व मिलता है। यही कारण रहा कि सरकार ने इस साल शराब और बियर की दुकानों की संख्या बढ़ाते हुए 659 दुकानों को आवंटित करने का निर्णय लिया। बीते वर्ष यह संख्या 619 थी। सभी दुकानों का आवंटन हो सके, इसके लिए विभाग ने बीते वर्ष के ऑनलाइन के स्थान पर लॉटरी सिस्टम अपनाया। पहले भी इसी तरीके से ही दुकानों का आवंटन होता था। इसका बहुत अधिक फायदा विभाग को नहीं मिला। कुल दुकानों में से 132 दुकानें ऐसी रह गई थी, जिनके लिए कोई खरीददार नहीं मिले।
इसके बाद कोरोना के कारण लॉकडाउन के चलते दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया दोबारा नहीं हो पाई। अनलॉक वन के बाद विभाग ने फिर से दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया चलाई। इसके लिए फिर से आवेदन मांगे गए। बावजूद इसके 132 में से केवल 34 दुकानें ही उठ पाई। अभी भी 98 दुकानें आवंटित होने से रह गई हैं। आवंटित दुकानों से विभाग को 1752 करोड़ रुपये की आय तय हो गई।
हालांकि, यह राशि धीरे-धीरे विभाग के पास आएगी। अभी तक विभाग को 1450 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में मिल चुके हैं मगर अभी भी विभाग कुल राजस्व लक्ष्य से 1850 करोड़ रुपये पीछे हैं। इसमें से अधिकांश राजस्व शराब की बिक्री से आना है। अब वित्तीय वर्ष समाप्त होने में पांच माह शेष हैं। लिहाजा यह लक्ष्य फिलहाल पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। इसीलिए विभाग ने शासन से इस लक्ष्य को कम करने का अनुरोध किया है।
आबकारी आयुक्त सुशील कुमार ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके विभाग राजस्व बढ़ाने को पूरा प्रयास कर रहा है। उम्मीद है कि बीते वर्ष आबकारी को जितना लक्ष्य मिला था, विभाग उस लक्ष्य को पा लेगा।
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