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देहरादून में पूर्व सैनिकों ने सीडीएस बिपिन रावत को दी श्रृद्धांजलि

देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत उनकी पत्‍नी समेत 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की हेलीकाप्‍टर हादसे में मृत्यु पर देहरादून में पूर्व सैनिकों ने उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। गुरुवार को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के कैंप कार्यालय में श्रृद्धांजलि सभा आयोजित की गई।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 04:10 PM (IST)
देहरादून में पूर्व सैनिकों ने सीडीएस बिपिन रावत को दी श्रृद्धांजलि
गुरुवार को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के कैंप कार्यालय में श्रृद्धांजलि सभा आयोजित की गई।

जागरण संवाददाता, देहरादून: देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत उनकी पत्‍नी समेत 11 अन्य सैन्य अधिकारियों की हेलीकाप्‍टर हादसे में मृत्यु पर देहरादून में पूर्व सैनिकों ने उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। गुरुवार को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के कैंप कार्यालय में श्रृद्धांजलि सभा आयोजित की गई। हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला और कई सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी श्रद्धांजलि देने पहुंचे। श्रृद्धांजलि सभा के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी और पूर्व सैनिकों द्वारा बि‍पिन रावत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और दो मिनट का मौन धारण करके भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

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इस दौरान मंत्री बिपिन जोशी ने कहा कि उनका जनरल बिपिन रावत से घरेलू संबंध थे। मुझे तो अभी भी बिल्कुल यकीन नहीं हो रहा कि मेरे अनन्य मित्र बिपिन रावत नहीं रहे। यह समूचे राज्य के लिए अत्यधिक भावुक और विचलित कर देने वाला पल है। उत्तराखंड में जन्में होने के कारण सीडीएस बिप‍िन रावत का देवभूमि के लिए विशेष लगाव था शायद यही कारण था कि राज्य के सैनिक मामलों में मुझे उनसे अपेक्षा के कहीं अधिक सहयोग प्राप्त होता रहा। चाहे सेना भर्ती में राज्य के युवाओं को ऊंचाई में मिली छूट का सवाल हो या फिर राज्य में वीआरओ की स्थापना की बात, चाहे राज्य में टैरिटोरियल आर्मी की दो बटालियनें स्थापित करने का विषय हो अथवा गोरखा रेजीमेंट का भर्ती सेंटर खोलने की बात हो, मुझे उत्तराखंड से जुड़े हर मामले पर उनका सहयोग मिलता रहा।

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इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद व्यक्तिगत तथा अपूर्णीय क्षति है। वह हमेशा ही उत्तराखंड की चिंता में लीन रहा करते थे। राज्य में स्थापित होने जा रहे सैन्यधाम के लिए हर संभव सहयोग तथा संसाधन देने के लिए वह बढ़-चढ़ कर सहयोग करते रहे। उन्‍होंने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं को सेना भर्ती के ऊंचाई मानकों में उन्हीं की बदौलत पांच सेंटीमीटर की छूट मिली। सीडीएस बिपिन रावत ने राज्य के युवाओं को सेना भर्ती में अवसर प्रदान करने के लिए पिथौरागढ़ में बीआरओ की स्थापना के लिए सैद्धांतिक सहमति दी थी।

राज्य के दोनों मंडलों में टैरिटोरियल आर्मी की एक-एक बटालियन स्थापित करने के लिए सैद्धांतिक सहमति दे चुके थे। उन्‍होंने उत्तराखंड में गोरखा रेजीमेंट का भर्ती सेंटर खोलने की सहमति दी थी।

हंस फाउंडेशन की संस्थापक माता मंगला ने कहा कि सीडीएस रावत का इस तरह हमसे छिन जाना अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। इस महान हस्ती का जाना राष्ट्र की एक ऐसी क्षति है, जिसकी पूर्ति करना असंभव है। उन्होंने कहा कि अमर शहीदों की याद में बनाया जा रहे सैन्यधाम के मुख्य द्वार को स्वर्गीय जनरल विपिन रावत के नाम पर बनाया जाएगा। सैन्यघाम के इस भव्य प्रवेश द्वार के निर्माण में हंस फाउंडेशन पूर्ण सहयोग करेगा।

इस मौके पर लेफ्टिनेंट जनरल शक्ति गुरुंग, मेजर जनरल केडी सिंह, मेजर जनरल शम्मी सभरवाल, बिग्रेडियर केजी बहल, बिग्रेडियर पीपीएस पाहवा, कर्नल दिलीप पटनायक, कर्नल रघुवीर सिंह भंडारी, भाजपा मंडल अध्यक्ष पूनम नौटियाल, राजीव गुरूंग, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दीपक पुंडीर, आरएस परिहार, पार्षद भूपेंद्र कठैत, संजय नौटियाल, कमल थापा आदि मौजूद रहे।

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