फिलौरा युद्ध को याद कर फड़क उठीं पूर्व सैनिकों की भुजाएं
गोर्खा राइफल्स की 5/9 बटालियन के पूर्व सैनिकों ने फिलौरा युद्ध सम्मान दिवस मनाया। इस दौरान युद्ध के किस्से याद कर पूर्व सैनिकों की भुजाएं फड़क उठीं।
देहरादून, [जेएनएन]: गोर्खा राइफल्स की 5/9 बटालियन के पूर्व सैनिकों ने फिलौरा युद्ध सम्मान दिवस मनाया। इस दौरान युद्ध के किस्से याद कर पूर्व सैनिकों की भुजाएं फड़क उठीं। गढ़ी कैंट स्थित गोर्खाली सुधार सभा में आयोजित कार्यक्रम में ऑनरेरी कैप्टन भरत सिंह थापा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस अवसर पर बटालियन के शहीद सैनिकों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्य अतिथि कैप्टन थापा ने उपस्थित पूर्व सैनिकों व उनके पारिवारिक सदस्यों को फिलौरा दिवस की बधाई दी। बटालियन के वयोवृद्ध सैनिकों व वीर नारियों को भी स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। वहीं, बच्चों व महिलाओं ने गोर्खाली गीत व नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी।
5/9 गोर्खा राइफल्स की स्थापना जनवरी 1963 को बीरपुर (देहरादून) में हुई थी। इस बटालियन के जवानों ने वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देते हुए फिलौरा पोस्ट पर कब्जा किया था। जम्मू-कश्मीर की सरहद पर स्थित इस पोस्ट पर दुश्मन सेना का लंबे समय से कब्जा था।
इस युद्ध में बटालियन के तीस जवान वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि 86 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। रणबांकुरों के साहस व वीरता को देखते हुए बटालियन को फिलौरा बौटल ऑफ ऑनर भी मिला था। फिलौरा पोस्ट पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में बटालियन के जवान प्रतिवर्ष सितंबर में फिलौरा युद्ध सम्मान दिवस मनाते हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व सैनिकों ने अपने पुराने अनुभव भी साझा किए। कैप्टन विजय खत्री, सूबेदार गोपाल सिंह थापा, सूबेदार हरि सिंह खत्री, भगवान सिंह क्षेत्री, करन बहादुर रोका, सुरेश बहुगुणा, तिलक सिंह ठाकुरी, दिल बहादुर क्षेत्री, विनोद क्षेत्री, संजय घले, अरुण खत्री आदि उपस्थित रहे।
बुटुर दोगरांदी युद्ध सम्मान दिवस मनाया
गढ़वाल राइफल्स की आठवीं बटालियन के पूर्व सैनिकों ने बुटुर दोगरांदी युद्ध सम्मान दिवस की 53वीं वर्षगांठ मनाई। टिहरी विस्थापित क्षेत्र के सामुदायिक भवन में आयोजित बटालियन के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। रण के किस्से याद कर बुजुर्ग सैनिकों की भुजाएं फड़क उठीं।
16 सितंबर 1965 की लड़ाई में आठवीं गढ़वाल राइफल्स ने पाकिस्तान में भीतर घुसकर बुटुर दोगरांदी नाम के स्थान पर कब्जा किया था। जिसमें बटालियन के दो अफसर और 40 जवान शहीद हुए थे। जिसमें यूनिट के कमान अधिकारी व उप कमान अधिकारी शामिल थे। इसके अलावा तीन अफसर, जूनियर कमीशन्ड अधिकारी व 89 जवान घायल हुए थे।
यह लड़ाई भारत के सैन्य इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। जिसमें बटालियन ने बड़ी संख्या में कैजुअल्टी के बाद युद्ध जीता। बटालियन को पाकिस्तान के सबसे अंदर घुसकर लडऩे व लंबे समय तक रुकने का श्रेय प्राप्त है। इसी को देखते हुए बटालियन को बुटुर दोगरांदी सम्मान से नवाजा गया।
कार्यक्रम में देहरादून के अलावा रायवाला, ऋषिकेश, कोटद्वार आदि से भी सेवारत व सेवानिवृत्त सैनिक शामिल हुए। इस दौरान रिटायर्ड ब्रिगेडियर एसएस पटवाल, कर्नल जेएस, मेहता, पूर्व सैनिक संगठन आठवीं गढ़वाल राइफल्स के संरक्षक ऑनरेरी कैप्टन जगजीत सिंह बिष्ट, अध्यक्ष ऑनरेरी कैप्टन मान सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष सूबेदार मानेंद्र सिंह, ऑनरेरी कैप्टन राजपाल सिंह नेगी आदि उपस्थित रहे।
शहादत को नमन, सुख-दुख किए साझा
15वीं गढ़वाल राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने रविवार को बटालियन का 39वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। जोगीवाला स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व ब्रिगेडियर जगमोहन सिंह रावत मौजूद रहे। मरणोपरांत कीर्ति चक्र विजेता राइफलमैन संजय शाही की मां भुवनेश्वरी देवी व अन्य शहीद सैनिकों के परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं, युद्ध में शहीद बटालियन के जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्य अतिथि ने बटालियन के पूर्व सैनिकों को स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि बटालियन का साढ़े तीन दशक का सैन्य इतिहास गौरवशाली रहा है। जवानों ने अपने कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन करते हुए देश की रक्षा की है। रणभूमि में जवानों के साहस व वीरता को हमेशा सराहा गया है।
इस अवसर पर केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही सैनिक कल्याण की योजनाओं पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन पूर्व सैनिक समिति के अध्यक्ष सूबेदार (सेनि.) राम सिंह राणा ने किया। इस अवसर पर बच्चों ने देशभक्ति से ओतप्रोत गीत सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम में (सेनि.) ब्रिगेडियर संजय पुरी, कर्नल डीएस खड़का, कैप्टन केसी रमोला, सूबेदार मेजर तीरथ सिंह रावत, शिव सिंह भंडारी समेत कई पूर्व सैनिक व उनके परिवार के सदस्य मौजूद रहे।
सैन्य परिवारों के कल्याण को सरकार कृतसंकल्प
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बहुल प्रदेश है और सैनिकों व सैन्य परिवारों के विकास और कल्याण के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है। उन्होंने उनसे मिलने आए भूतपूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान यह बात कही।
भूतपूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में शिष्टाचार भेंट की। साथ ही विभिन्न बिंदुओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिकों व पूर्व सैनिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान को हर जिले में एडीएम स्तर का एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। शहीद सैनिकों के आश्रितों के लिए राजकीय सेवा का प्रावधान कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सैनिकों के कल्याण और सहायता के लिए हरसंभव सहयोग किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में सेवानिवृत ले.कर्नल जेएस बसेरा, मेजर जेएस रावत, बीएस बिष्ट आदि शामिल थे।
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