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हर दिन दस-दस चिकित्सक करेंगे अनशन, 14 दिन तक चलेगा आंदोलन; जानिए वजह

आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार देने के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का 14 दिन का आंदोलन सोमवार से शुरू हो गया। इस आंदोलन के तहत हर दिन दस-दस चिकित्सक सुबह दस से शाम पांच बजे तक अनशन करेंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 11:22 AM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 11:22 AM (IST)
हर दिन दस-दस चिकित्सक करेंगे अनशन, 14 दिन तक चलेगा आंदोलन; जानिए वजह
हर दिन दस-दस चिकित्सक करेंगे अनशन, 14 दिन तक चलेगा आंदोलन; जानिए वजह।

जागरण संवाददाता, देहरादून। आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी का अधिकार देने के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का 14 दिन का आंदोलन सोमवार से शुरू हो गया। इस आंदोलन के तहत हर दिन दस-दस चिकित्सक सुबह दस से शाम पांच बजे तक अनशन करेंगे। हालांकि पहले दिन आंदोलन औपचारिकता बनकर भर रहा। सुबह से शाम तक अनशन के लिए इक्का-दुक्का ही चिकित्सक पहुंचे। शाम को चार बजे संगठन पदाधिकारी आइएमए भवन पहुंचे और बैठक कर पत्रकारों से वार्ता की। 

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जिलाध्यक्ष डॉ. अमित सिंह, सचिव डॉ. रूपा हंसपाल ने कहा कि 14 फरवरी तक देहरादून आइएमए भवन में दस-दस डाक्टर अनशन पर बैठेंगे। इसका बकायदा रोस्टर तैयार किया गया है। वहीं अनशन के दौरान ओपीडी सेवाएं नहीं चलेंगी, केवल आपातकालीन सेवाएं जारी रखी जाएंगी। सोमवार को कई चिकित्सकों को कोरोना का टीका लगना था, इस वजह से उपस्थिति कम रही।

वक्ताओं ने कहा कि आयुर्वेद को बढ़ावा देने और आयुष पद्धति से सर्जरी करने पर कोई विरोध नहीं है, लेकिन आयुष के नाम पर ऐलोपैथिक चिकित्सा, एनेस्थीसिया व दवाइयों का इस्तेमाल किया जाएगा। इस मिश्रित पैथी से इलाज करने से मरीजों की जान को खतरा होगा। इस दौरान कोषाध्यक्ष डॉ. विजय त्यागी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. जयराज सिंह, डॉ. संजय उप्रेती, डॉ. आलोक सेमवाल, डॉ. राजेश तिवारी डॉ. अनूप कौशल, डॉ. विनीत गुप्ता, डॉ. ध्रुव गुप्ता. डॉ. क्रांति नंदा, डॉ. सुजाता संजय आदि मौजूद रहे।

चर्चा को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से मांगा समय

गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर आर्गेनाईजेशन उत्तराखंड ने राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना पर चर्चा करने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण से समय मांगा है। संघ की कार्यकारिणी के प्रांतीय सदस्य दिनेश जोशी ने इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि पिछले कई महीनों से देखने में आ रहा है कि अस्पताल में भर्ती होने पर स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ऐसी शिकायतें सामने आ रही हैं।

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