दिल्ली जा रही चार डग्गामार बसें सीज, ताक पर रखे जा रहे थे नियम; रजिस्ट्रेशन से जुड़े दस्तावेज मिले न ही फिटनेस या बीमे के
दून से दिल्ली जयपुर आगरा आदि शहरों के लिए दौड़ रही डग्गामार बसों में न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं बल्कि इनमें फर्जीवाड़ा भी जमकर हो रहा। यह खुलासा सोमवार को उस समय हुआ टीम ने दिल्ली जाने वाली चार डग्गामार बस को सीज किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून से दिल्ली, जयपुर, आगरा आदि शहरों के लिए दौड़ रही डग्गामार बसों में न केवल नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, बल्कि इनमें फर्जीवाड़ा भी जमकर हो रहा। यह खुलासा सोमवार को उस समय हुआ, जब परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम ने सहारनपुर रोड व आइएसबीटी के बाहर से दिल्ली जाने वाली चार डग्गामार बस को सीज किया। बसों में परिवहन नियमों को ताक पर रख न केवल यात्रियों को ले जाया जा रहा था बल्कि इन बसों में न रजिस्ट्रेशन से जुड़े दस्तावेज मिले न ही फिटनेस या बीमे के। सीटों की संख्या भी निर्धारित मानकों से ज्यादा मिलीं।
इन दिनों रोडवेज बसों का अंतरराज्यीय परिवहन बंद होने से डग्गामार संचालक की चांदी कट रही। सहारनपुर रोड और हरिद्वार बाइपास समेत आइएसबीटी के आसपास से संचालित होने वाली डग्गामार डीलक्स बस और अन्य वाहन को लेकर दैनिक जागरण ने शनिवार के अंक में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसका संज्ञान लेते हुए आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी ने एआरटीओ रश्मि पंत को डग्गामार बस व अन्य वाहनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। इस पर सोमवार को परिवहन टीमों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर चार डीलक्स डग्गामार बस को सीज कर दिया।
आरटीओ सैनी ने बताया कि सीज बसों को आशारोड़ी चेकपोस्ट पर खड़ा कर दिया गया है। इसके अलावा एक डग्गामार जीप भी सीज की गई। चेकिंग के दौरान दुपहिया पर दोनों सवारी के हेलमेट न लगाने वाले चार जबकि चालक के हेलमेट न पहने होने पर 20 वाहन के चालान किए गए। बेकाबू गति से वाहन दौड़ाने पर चार, दुपहिया पर तीन सवारी बैठी होने पर एक, वाहन टैक्स जमा न होने पर आठ, फिटनेस न होने पर एक, बीमा न होने पर 12, वाहन संचालन के दौरान मोबाइल का प्रयोग करने पर दो और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न होने पर 10 वाहन का चालान किया गया।
रद्द की बुकिंग
चेकिंग को देखते हुए दून से संचालित ज्यादातर डग्गामार स्लीपर व एसी बसों के संचालकों ने बुकिंग रद्द कर अपनी बसों को यहां-वहां छुपा दिया। बुकिंग रद़्द होने से यात्रियों में मारामारी मच गई। स्थिति यह रही कि निजी संचालकों ने यात्रियों से लिया किराया भी वापस नहीं किया। इधर से उधर दौड़ते हुए यात्री रोडवेज अफसरों को बसों की व्यवस्था के लिए फोन करते रहे लेकिन अफसरों ने अंतरराज्यीय परिवहन सेवा बंद होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
किसके संरक्षण में चल रहीं से बसें
डग्गामार बसें खुलेआम आइएसबीटी के बाहर से संचालित होती हैं। इंटरनेट पर इन बसों के टिकट आनलाइन बुक होते हैं मगर न इनके खिलाफ परिवहन विभाग व पुलिस प्रशासन कभी कदम नहीं उठाते। एक दफा मुख्य सचिव ने अवैध संचालन रोकने को आइएसबीटी पुलिस की जिम्मेदारी तय की थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। सवाल उठ रहा कि खुलेआम बसें आखिर कैसे और किसके संरक्षण में दौड़ रहीं।
नहीं मिलेगा बीमा क्लेम
स्थिति ये है कि अगर ये बसें हादसे का शिकार हो जाएं तो यात्रियों को बीमा क्लेम तक नहीं मिलेगा। दरअसल, यह बसें बगैर रजिस्ट्रेशन, फिटनेस और बीमे के दौड़ रही हैं। ऊपर से फर्जीवाड़ा अलग।
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