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यहां अतिक्रमण पर आधी कार्रवाई करने के बाद भूल गए अफसर

राजधानी में अतिक्रमण हटाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश भी अफसरों पर बेअसर साबित हुए। शुरूआती में अतिक्रमण के खिलाफ जो कार्रवाई की गई वह बीच में बारिश और दूसरे कारणों के चलते रोक दी।

By Edited By: Published: Tue, 26 Feb 2019 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 26 Feb 2019 11:32 AM (IST)
यहां अतिक्रमण पर आधी कार्रवाई करने के बाद भूल गए अफसर
यहां अतिक्रमण पर आधी कार्रवाई करने के बाद भूल गए अफसर

देहरादून, जेएनएन। राजधानी में अतिक्रमण हटाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश भी अफसरों पर बेअसर साबित हुए। शुरूआती तीन माह तक अतिक्रमण के खिलाफ जो कार्रवाई की गई, वह बीच में बारिश और दूसरे कारणों के चलते रोक दी। 

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अब अभियान पूरी तरह से बंद है। लोकसभा चुनाव की तैयारी का हवाला देते हुए अफसर अब अभियान शुरू करने से चुप्पी साधे हुए हैं। नतीजा अतिक्रमण हटाने के बाद खुदी सड़कें, खुली नाली और जर्जर भवन दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। ऐसे में शहर को संवारने की योजना कभी धरातल पर उतर पाएगी, इस पर भरोसा करना मुश्किल है। 

हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर 21 जून को दून की सड़कों, नाली, फुटपाथ, गली और मोहल्लों पर हुए अतिक्रमण हटाने के सख्त आदेश दिए थे। इसके लिए मुख्य सचिव से लेकर अपर मुख्य सचिव को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हाईकोर्ट ने पूरे मामले के लिए अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश को व्यक्तिगत रूप से भी नामित किया था। 

हाईकोर्ट के डर से 27 जून से शहर में चिह्निकरण अभियान शुरू हुआ। जुलाई से शहर के रिस्पना, धर्मपुर, ईसी रोड, रायपुर रोड, राजपुर रोड, चकराता रोड, हरिद्वार रोड, गांधी रोड आदि इलाकों में चार जोन में ताबड़तोड़ अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया गया। करीब पांच हजार से ज्यादा चिह्नित अतिक्रमण हटाने के बाद प्रेमनगर बाजार के बड़े अतिक्रमण पर कार्रवाई की गई। 

इस बीच विधानसभा सत्र, इन्वेस्टर समिट, बारिश और दूसरे बहाने के चलते अभियान बीच में ही रुक गया। इसके बाद तो प्रशासन के अधिकारी दोबारा अतिक्रमण हटाने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाए। अब नोडल अधिकारी, टास्क फोर्स के अधिकारी से लेकर जिलाधिकारी अभियान पर ज्यादा बोलने से बचते फिर रहे हैं। अफसरों का सीधा एक ही सवाल है कि लोकसभा चुनाव सिर पर हैं। ऐसे में अभियान शुरू करना मुश्किल भरा काम है। 

रिस्पना से लेकर धर्मपुर हो या फिर सर्वे चौक से रायपुर, सहस्रधारा रोड में जो अतिक्रमण हटाया गया, उसके बाद सड़क के दोनों तरफ खुली नाली, क्षतिग्रस्त फुटपाथ और जर्जर भवन दुर्घटना को न्योता दे रहे हैं। यहां अतिक्रमण हटाने के बाद सड़क चौड़ीकरण, फुटपाथ, नाली और सौंदर्यीकरण की योजना पर काम करने के दावे किए गए। किंतु इस दिशा में फिलहाल कोई योजना और प्रयास नजर नहीं आ रहे हैं। इतना जरूर है कि समय पर फुटपाथ, नाली और सड़क न बनने से दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। 

यहां बना हुआ खतरा

-रिस्पना से चंचल स्वीट शॉप तक सड़क के दोनों तरफ। 

-नेहरू कॉलोनी चौक से धर्मपुर चौक तक। 

-आराघर चौक से ईसी रोड पर सर्वे चौक तक। 

-सर्वे चौक से रायपुर रोड। 

-सहस्रधारा क्रासिंग से सहस्रधारा तक। 

-जोगीवाला से रिंग रोड डोभालवाला तक। 

-बिंदाल पुल से चकराता रोड किशननगर चौक तक। 

जब भी समय मिलेगा, हटेगा अतिक्रमण 

जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन के अनुसार लोकसभा चुनाव के चलते अभियान को शुरू करना कठिन है। फिलहाल हटाए गए अतिक्रमण वाले हिस्सों में विकास कार्य किए जाने हैं। इसे लेकर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। ओम प्रकाश, नोडल अधिकारी अतिक्रमण हटाओ अभियान इन दिनों अधिकारी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। अफसरों और पुलिस फोर्स की कमी के चलते यह कार्य प्रभावित हुआ है। जब भी समय मिलेगा, अतिक्रमण हटाया जाएगा। 

नगर निगम ने तोड़ा अतिक्रमण

रायपुर अधोईवाला में नगर निगम की जमीन पर हुए अवैध कब्जे को भूमि अनुभाग की टीम ने जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। बताया गया कि यहां अतिक्रमणकारियों ने पक्का निर्माण करा लिया था और तहसील का एक आदेश दिखा रहे थे कि ये जमीन उनकी है। नगर निगम ने अपने रिकार्ड की जांच की तो खसरा नंबर नगर निगम का निकला। जांच के बाद टीम ने जेसीबी ने कब्जा तोड़ दिया। इस दौरान काफी विरोध व विवाद भी हुआ लेकिन पुलिस के मौके पर आने पर कब्जेधारी बैरंग लौट गए। 

अतिक्रमण हटाने को लेकर पालिकाध्यक्ष व सभासद आमने-सामने

अतिक्रमण हटाने को लेकर मसूरी पालिकाध्यक्ष और एक सभासद आमने-सामने आ गए हैं। सभासद ने आरोप लगाया कि पहले पालिकाध्यक्ष ने ही खोखा लगाने की अनुमति दी, अब उसे हटाया जा रहा है। वहीं पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता का कहना है कि उन्होंने किसी का अनुमति नहीं दी, अतिक्रमण हर हाल में हटाया जाएगा। 

सिविल अस्पताल रोड पर अतिक्रमण हटाने पहुंची पालिका टीम को क्षेत्रीय सभासद मनीषा खरोला के विरोध का सामना करना पड़ा। सभासद ने कहा कि आग लगने से उक्त व्यक्ति की दुकान जल गई थी। तब पालिकाध्यक्ष ने ही उन्हें मौखिक रूप से खोखा लगाने की अनुमति दी थी। उसके बाद ही यहां पर खोखा लगाया गया है। अब पालिका प्रशासन इसे हटा रहा है। पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा अतिक्रमण हटाने के  लिए पुलिस बल की मांग नगर प्रशासन से की गई है और शीघ्र ही अतिक्रमण हटाया जाएगा।

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