Move to Jagran APP

आयुर्वेद विवि में अजब-गजब खेल, चहेतों को किया अंदर; कर्मियों की सेवा खत्म

आयुर्वेद विश्वविद्यालय में चहेतों को बैकडौर से नियुक्ति और नियमविरुद्ध सेवा विस्तार दिया जा रहा है। वहीं विवि की लाज बचाने वाले कर्मचारियों की सेवाएं खत्म कर दी गई हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 06:50 PM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 06:50 PM (IST)
आयुर्वेद विवि में अजब-गजब खेल, चहेतों को किया अंदर; कर्मियों की सेवा खत्म
आयुर्वेद विवि में अजब-गजब खेल, चहेतों को किया अंदर; कर्मियों की सेवा खत्म

देहरादून जेएनएन: उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में अजब-गजब खेल चल रहे हैं। एक तरफ मंत्रियों के करीबियों को बैकडौर से नियुक्ति और नियमविरुद्ध सेवा विस्तार दिया जा रहा है, वहीं सीसीआइएम के आगे विवि की लाज बचाने वाले कर्मचारियों की सेवाएं खत्म कर दी गई। जिनकी वजह से तीन साल मान्यता बची, वह कर्मचारी पिछले चार दिन से विवि गेट पर धरना दे रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने फैकल्टी ऑफ आयुर्वेद का पोस्टर लगाकर प्रदर्शन किया। 

prime article banner

दरअसल, विश्वविद्यालय में स्थित धन्वंतरी वैधशाला में कई कर्मचारी वर्ष 2016 से विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। मई 2018 में उन्हें अचानक बिना कारण बाहर कर दिया गया। इतना ही नहीं कर्मियों के विवि प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। जिसके बाद से वह विवि में पुनर्नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। 

इनका कहना है कि साल 2016 में तत्कालीन कुलसचिव ने परिसर के आयुर्वेद संकाय में सीसीआइएम के निरीक्षण के लिए पीपीपी मोड पर संचालित धन्वंतरी वैधशाला के कर्मचारियों को आवश्यकतानुसार पदों पर समायोजित किया। जिसके बाद धन्वंतरी वैद्यशाला ने लिपिक, लेखा लिपिक, लेखाकार, फार्मेसिस्ट, पंचकर्म सहायक, स्टाफ नर्स, लाइब्रेरियन, लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वॉय, वार्ड आया, लैब असिस्टेंट समेत सामान्य चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों के रूप में कर्मचारियों को नियुक्ति प्रदान की थी। 

तीन साल तक इन्हीं कार्मिकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर विवि सीसीआइएम से मान्यता लेता रहा। लेकिन, इस साल 21 मई को सीसीआइएम का निरीक्षण पूरा होने के आठ दिन बाद ही कर्मियों को बिना किसी पूर्व सूचना के बाहर निकाल दिया गया। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश नहीं करने की भी धमकी दी गई। उन्होंने विवि प्रशासन के इस कदम को चहेतों और रसूखदार लोगों को नियुक्ति प्रदान करने की साजिश करार दिया है। 

इसके अलावा विवि पर मान्यता हासिल करने के लिए कार्मिकों के शैक्षिक दस्तावेजों को भी जब्त करने का आरोप कर्मियों ने लगाया। उन्होंने बताया कि शैक्षिक प्रमाण पत्र के अभाव में कार्मिक बेरोजगार होकर सड़कों पर आ गए हैं। 

यह भी पढ़ें: अगर आप बनना चाहते हैं डॉक्टर तो हो जाइए तैयार, काउंसलिंग शुरू

यह भी पढ़ें: सहायक लेखाकार की लिखित परीक्षा का परिणाम जारी, ऐसे देखें

यह भी पढ़ें: आयुष-यूजी में दाखिले की ख्वाहिश रखने वालों का झटका, जानिए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.