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कोरोना महामारी के दौर में कर्मचारियों ने गोल्डन कार्ड की उपयोगिता पर उठाए सवाल

कर्मचारियों ने गोल्डन कार्ड की उपयोगिता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने उपचार न मिलने पर नाराजगी जताते हुए सरकार की योजना का विरोध किया है। साथ ही कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए दो सप्ताह के लिए कार्यालय पूर्ण रूप से बंद रखने की मांग भी की।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 04:26 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 04:26 PM (IST)
कोरोना महामारी के दौर में कर्मचारियों ने गोल्डन कार्ड की उपयोगिता पर उठाए सवाल
कोरोना महामारी के दौर में कर्मचारियों ने गोल्डन कार्ड की उपयोगिता पर उठाए सवाल।

जागरण संवाददाता, देहरादून। कोरोना महामारी के दौर में कर्मचारियों ने गोल्डन कार्ड की उपयोगिता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने उपचार न मिलने पर नाराजगी जताते हुए सरकार की योजना का विरोध किया है। साथ ही कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए दो सप्ताह के लिए कार्यालय पूर्ण रूप से बंद रखने की मांग भी की है। 

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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यकारी महामंत्री अरुण पांडे ने कहा कि रविवार को परिषद की ऑनलाइन बैठक हुई। जिसमें परिषद के प्रांतीय, मंडलीय और जनपदीय पदाधिकारियों के साथ संबद्ध घटक संघों के पदाधिकारियों ने प्रतिभाग किया। उन्होंने कम से कम 15 दिन तक के लिए कार्यालय बंद करने की मांग की। साथ ही चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस पर शीघ्र निर्णय नहीं लिया तो परिषद को मजबूर होकर अपने सदस्यों को कार्यालय न जाने को निर्देशित करना होगा। बैठक में इस बात पर भी रोष व्यक्त किया गया कि गोल्डन कार्ड का कोई भी लाभ प्रदेश के कार्मिकों और पेंशन धारकों को प्राप्त नहीं हो रहा है। 

यहां तक कि वह अस्पताल भी इलाज करने से मना कर दे रहे हैं, जिनकी सूची राज्य स्वास्थ्य अभिकरण ने जारी की है। ऐसी स्थिति में मांग की गई कि यदि गोल्डन कार्ड की व्यवस्था कार्मिक संगठनों के साथ हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार सुधारी नहीं गई तो परिषद के प्रांतीय पदाधिकारी 15 दिन के बाद राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के मुख्यालय पर एक घंटे का सांकेतिक धरना देंगे। बैठक में ठाकुर प्रह्लाद सिंह, पीके शर्मा, एसपी भट्ट, कुंवर सामंत, हर्ष मोहन सिंह नेगी, बहादुर सिंह बिष्ट, मोहन जोशी, गिरजेश कांडपाल, तनवीर अहमद, बाबू खान, बरखूराम मौर्य, जगमोहन नेगी, गुड्डी मटूड़ा आदि शामिल हुए। 

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