नो वर्क-नो पे सख्ती से लागू, आंदोलनकारी एकजुट
आवास भत्ता समेत दस सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर में कर्मचारी संगठनों के आंदोलन के एलान से सरकार के हाथ-पांव फूले हुए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: आवास भत्ता समेत दस सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर में कर्मचारी संगठनों के आंदोलन के एलान से सरकार के हाथ-पांव फूले हुए हैं। कर्मचारी संगठनों की संयुक्त समन्वय समिति के 31 जनवरी को सामूहिक अवकाश और प्रस्तावित कार्य बहिष्कार को देखते हुए मंगलवार को शासन स्तर पर आला अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई गई। बैठक में आंदोलन पर सख्त रुख अपनाते हुए समन्वय समिति के सदस्यों को नोटिस जारी किया गया। वहीं कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण को सभी विभागों में ग्रीवांसेस कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए। बैठक में तय किया गया कि आंदोलन की अवधि में कर्मचारियों को अवकाश नहीं दिया जाएगा। अवकाश पर रहने वाले कर्मचारियों पर नो वर्क नो पे सख्ती से लागू होगा। साथ ही इन कर्मचारियों को सचिवालय में प्रवेश भी नहीं करने दिया जाएगा। उधर, आंदोलित कर्मचारियों के तेवर बरकरार हैं। समन्वय समिति को कर्मचारियों के संगठनों के समर्थन का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। समन्वय समिति से जुड़े तमाम संगठनों ने अपनी जिला इकाइयों को भी प्रस्तावित आंदोलन में शिरकत करने को पत्र भेजे हैं।
मंगलवार को सचिवालय में उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-समन्वय समिति के आंदोलन के नोटिस के संबंध में मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में आपात बैठक हुई। बैठक में उन्होंने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में गठित समिति को कर्मचारियों की समस्याओं का निरंतर अनुश्रवण एवं समाधान करने के निर्देश दिए। कहा गया कि समस्या का समाधान विभाग के स्तर से न होने पर उस प्रकरण को शासन स्तरीय समिति के पास भेजा जाएगा। बैठक में प्रस्तावित आंदोलन के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों को उक्त अवधि में कानून एवं व्यवस्था बनाने को कहा गया है। जिलाधिकारी देहरादून एस मुरूगेशन को सचिवालय में एक एसडीएम तथा एवं पुलिस उपाध्यक्ष तैनात करने के निर्देश दिए। हड़तालियों पर सख्त नजर रखने के लिए शहर के विभिन्न स्थानों में सीसी कैमरे लगाने तथा वीडियोग्राफी करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल या कार्य बहिष्कार कर्मचारी आचरण नियमावली के अंतर्गत प्रतिबंधित है। समन्वय समिति का नोटिस भी अदालत की अवमानना की श्रेणी में आता है। उन्होंने समस्त कर्मियों से अपील की कि वे जनहित में हड़ताल के फैसले को वापस लें। वहीं, समन्वय समिति के संयोजक मंडल में शामिल दीपक जोशी ने कहा कि 30 जनवरी तक मांगे पूरी न होने की सूरत में 31 जनवरी को सामूहिक अवकाश लिया जाएगा। कर्मचारी अब पीछे हटने वाले नहीं हैं।