इस बार ईद पर कोरोना का असर, बकरे भी बिके महंगे
बकरीद को दो दिन बाकी हैं। दून में तैयारियां तेज हो गई हैं लेकिन इस त्योहार पर भी कोरोना का पूरा असर दिख रहा है। इस बार आवक कम होने से बकरों के दामों में भी इजाफा हो गया है।
देहरादून, जेएनएन। ईद-उल-अजहा (बकरीद) को दो दिन बाकी हैं। दून में तैयारियां तेज हो गई हैं, लेकिन इस त्योहार पर भी कोरोना का पूरा असर दिख रहा है। इस बार आवक कम होने के कारण बकरों के दामों में भी इजाफा हो गया है। बकरीद के मौके पर दून में हर साल मंडी लगती थी। यहा कुर्बानी के लिए बकरे खरीदने को भीड़ उमड़ती थी, लेकिन इस साल कोरोना के चलते मंडी लगाने की छूट नहीं मिली। वहीं बकरों की आवक में भी कमी आई। इसके चलते बाजार में बकरों के दाम भी काफी बढ़ गए। मेहूंवाला माफी निवासी अकमल ने बताया कि इस साल मंडी ना लगने के कारण बकरों के दाम बढ़े हुए हैं। खुद मैंने करीब छह किलो का 'परी' बकरा पिछले साल दस हजार का खरीदा था, वह इस बाजार 18 हजार का मिला।
सामूहिक कुर्बानी का चलन बढ़ा
बाजार में बकरों की आवक कम होने के चलते सामूहिक कुर्बानी का चलन भी बढ़ा है। इनामुल्ला बिल्डिंग निवासी दानिश कुरैशी ने बताया कि कुर्बानी हर किसी के लिए जरूरी नहीं होती। जिनपर जकात बनती है, उन्हीं की कुर्बानी वाजिब मानी जाती है। बकरे को एक कुर्बानी के बराबर माना जाता है। वहीं बड़े जानवर, जैसे भैंसे को सात कुर्बानी के बराबर माना जाता है। इस साल बकरों की कमी और आर्थिक हालात ठीक नहीं होने के कारण कुछ परिवार या दोस्त मिलकर एक बड़े जानवर की कुर्बानी भी दे रहे हैं।
कारोबार पर कोरोना की मार
दून में हर साल आइएसबीटी, आजाद कॉलोनी, इनामुल्ला बिल्डिंग, भगत सिंह कॉलोनी में अस्थायी बकरा मंडी लगती थी। बकरा कारोबारी दानिश कुरैशी ने बताया कि मंडी में राजस्थानी, पंजाबी, अमृतसरी, तोता, अजमेरी, दुंबा आदि नस्ल के बकरे खूब बिकते थे। हर साल करीब दो करोड़ रुपये का कारोबार हो जाता था, लेकिन इस साल 30 फीसद बाजार भी नहीं रह गया।
जिलाधिकारी से करेंगे मुलाकात
ईद-उल-अजहा का त्योहार किन नियमों के साथ मनाया जाए, इसके लिए सरकार की ओर से कोई विशेष गाइडलाइन जारी ना होने से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी है। इसे लेकर गुरुवार को एक बैठक का आयोजन भी किया गया। कांग्रेस कमेटी के विशेष आमंत्रित सदस्य आजाद अली ने बताया कि कुछ दिन पहले जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदेश सरकार से गाइडलाइन जारी करने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई अमल नहीं हुआ। ऐसे में शुक्रवार को दोबारा जिलाधिकारी से मुलाकात की जाएगी।
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