राज्य मंत्री रेखा आर्य बोलीं, उत्तराफिश से संवरेगी मत्स्य पालकों की आर्थिकी
मत्स्य पालन से लाभ कमाने की अपार संभावनाएं हैं। मत्स्य पालन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं से किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सकती है। खासकर प्रदेश की स्थानीय मछली उत्तराफिश के पालन को बढ़ावा देकर आय और ख्याति दोनों प्राप्त की जा सकती हैं।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में मत्स्य पालन से लाभ कमाने की अपार संभावनाएं हैं। मत्स्य पालन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से संचालित योजनाओं से किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सकती है। खासकर प्रदेश की स्थानीय मछली 'उत्तराफिश' के पालन को बढ़ावा देकर आय और ख्याति दोनों प्राप्त की जा सकती हैं। यह बातें राज्य मंत्री रेखा आर्य ने शनिवार को विश्व मात्स्यिकी दिवस पर कहीं। वह मत्स्य विभाग की ओर से आयोजित योजना प्रसार कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
सर्वे चौक स्थित आइआरडीटी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में विभाग की ओर से विभिन्न प्रजातियों की मछलियों के एक्वेरियम भी प्रदर्शित किए गए। साथ ही किसानों को मत्स्य पालन के क्षेत्र में सरकार की योजनाओं की जानकारी दी गई। विभागीय अधिकारियों ने किसानों को मत्स्य पालन और विपणन की बारीकियों से भी अवगत कराया।
इस दौरान विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने मत्स्य पालकों को उत्कृष्ट एवं नई तकनीक से कार्य करने के लिए शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इन मत्स्य पालकों को प्रशस्ति पत्र के साथ आइस बॉक्स और जाल भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम में किसान क्रेडिट कार्ड भी बनाए गए। मत्स्य विभाग के संयुक्त निदेशक एचके पुरोहित ने बताया कि मत्स्य पालकों को नई योजनाओं के साथ लाभ पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
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विभाग की कोशिश है कि मत्स्य पालक आर्थिक रूप से मजबूत हों। केंद्रीय कृषि एवं पशुपालन मंत्रलय से आए आरएन. पंडिता ने भी किसानों को केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने उत्तराखंड में मत्स्य पालन की स्थिति पर संतोष जताया। उत्तराखंड मत्स्य विभाग की उप निदेशक अल्पना हल्दिया ने भी किसानों को मत्स्य पालन के लिए प्रेरित किया।
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