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Earthquake: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में देर रात भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापी गई तीव्रता

Earthquake in Uttarakhand उत्तरकाशी जिले में देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापी गई है। हालांकि अभी कहीं से भी किसी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 10:51 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 11:58 PM (IST)
Earthquake: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में देर रात भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापी गई तीव्रता
उत्तरकाशी में देर रात भूकंप के झटके, प्रतीकात्मक फोटो।

देहरादून, जेएनएन। Earthquake उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.5 मापी गई है। हालांकि, अभी कहीं से भी किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। इस पहले अगस्त में उत्तरकाशी जिले में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। 

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उत्तराखंड राज्य भूकंप के लिहाज से अति संवेदनशील रहा है। इसी साल 25 अगस्त को भी उत्तरकाशी जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र टिहरी बताया गया। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई। वहीं, 21 अप्रैल को चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसका केंद्र चमोली जिला रहा था। भूकंप की तीव्रता 3.3 और गहराई पांच किमी मापी गई। बता दें कि चमोली जिला भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। इससे पहले भी यहां कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।  

वहीं, 13 अप्रैल को बागेश्वर जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मैग्नीट्यूट आंकी गई। बता दें कि प्रदेश का बागेश्वर जिला जोन फाइव में आता है और भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है। भूकंप का केंद्र बागेश्वर ही बताया गया। इसकी गहराई पांच किमी दूर मापी गई थी। 

बताते हैं भूकंप आने के पीछे की वजह 

पृथ्वी की बाह्य परत में अचानक हलचल से उत्पन्न ऊर्जा के परिणाम स्वरूप भूकंप आता है। यह ऊर्जा पृथ्वी की सतह पर, भूकंपी तरंगें उत्पन्न करती है, जो भूमि को हिलाकर या विस्थापित कर के प्रकट होती है।

जानिए क्या हो सकते हैं कारण 

भूकंप प्राकृतिक घटना या मानवजनित कारणों से हो सकता है। अक्सर भूकंप भूगर्भीय दोषों के कारण आते हैं। भारी मात्रा में गैस प्रवास, पृथ्वी के भीतर मुख्यत: गहरी मीथेन, ज्वालामुखी, भूस्खलन, और नाभिकीय परिक्षण ऐसे मुख्य दोष हैं।

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कैसे मापा जाता है भूकंप

भूकंप का रिकार्ड एक सीस्मोमीटर के साथ रखा जाता है, जो सीस्मोग्राफ भी कहलाता है। भूकंप का क्षण परिमाण पारंपरिक रूप से मापा जाता है या संबंधित और अप्रचलित रिक्टर परिमाण लिया जाता है। 3 या कम परिमाण की रिक्टर तीव्रता का भूकंप अक्सर इम्परसेप्टीबल होता है और 7 रिक्टर की तीव्रता का भूकंप बड़े क्षेत्रों में गंभीर क्षति का कारण होता है। झटकों की तीव्रता का मापन विकसित मरकैली पैमाने पर किया जाता है।

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