Move to Jagran APP

सहायक निदेशक बनने के बाद भी जिलों में ड्यूटी, पिछले साल हुई थी पदोन्नति

खेल विभाग में सहायक निदेशकों पर पदोन्नति तो हुई लेकिन ज्वाइनिंग देने के कुछ दिन बाद ही इन्हें मूल जनपदों में ही ड्यूटी पर भेज दिया गया। यह स्थिति तब है कि जब यह पद निदेशालय स्तर के हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 03:14 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 03:14 PM (IST)
सहायक निदेशक बनने के बाद भी जिलों में ड्यूटी, पिछले साल हुई थी पदोन्नति
सहायक निदेशक बनने के बाद भी जिलों में ड्यूटी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। खेल विभाग में सहायक निदेशकों पर पदोन्नति तो हुई, लेकिन ज्वाइनिंग देने के कुछ दिन बाद ही इन्हें मूल जनपदों में ही ड्यूटी पर भेज दिया गया। यह स्थिति तब है कि जब यह पद निदेशालय स्तर के हैं। वहीं, खाली हुए जिला क्रीड़ाधिकारी के पदों को भरने कोई प्रक्रिया होती नजर नहीं आ रही है। हालांकि, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि तत्कालिक व्यवस्था के तहत उन्हें प्रभार दे रखा है। 

loksabha election banner

खेल विभाग में खाली पड़े सहायक निदेशक के दो पदों पर सुरेश पांडे और कृष्ण कुमार को जिला क्रीड़ाधिकारी से पदोन्नत किया गया है। इनमें कृष्ण कुमार की हाल ही में मृत्यु हो गई है। करीब सालभर पहले डीपीसी होने के बाद बीते साल 18 अगस्त को दोनों की पदोन्नति के ऑर्डर हुए। सुरेश पांडे वैसे तो चमोली के जिला क्रीड़ाधिकारी थे, लंबे समय से डेपुटेशन पर हल्द्वानी में ड्यूटी कर रहे थे। वहीं, कृष्ण कुमार नरेंद्र नगर टिहरी में जिला क्रीड़ाधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। दोनों प्रमोशन के बाद खेल निदेशालय में ज्वाइनिंग दी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद पहले वाले कार्यस्थल पर ही प्रभार देकर भेज दिया गया। 

कृष्ण कुमार नरेंद्र नगर में जिला क्रीड़ाधिकारी का प्रभार देखने लगे थे, लेकिन कुछ पहले ही बीमारी के चलते इनका निधन हो गया, जिसके बाद से यह पद भी खाली पड़ गया, जबकि सुरेश पांडे को हल्द्वानी स्टेडियम का जिम्मा दिया गया है। वहीं, चमोली में उप क्रीड़ाधिकारी के जिम्मे पूरी व्यवस्था है। सवाल यह है कि सहायक निदेशक के पद निदेशालय में ही है तो दोनों को यही जिम्मेदारी क्यों नहीं बांटी गई। 

जो पद खाली हुए हैं उन्हें भरने के लिए कई दावेदार हैं, जो लंबे समय से उप क्रीड़ाधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। खाली पदों को रोस्टर के आधार पर भरा जाना है। वहीं, टिहरी में भी उप क्रीड़ाधिकारी को कार्यभार दिया जा सकता है। लेकिन, पदों को भरने से ज्यादा प्रभार की कार्यप्रणाली हावी हो रही है। यह हाल तब है जब विभाग अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी का रोना रोता रहता है। 

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड के युवा तेज गेंदबाज अंकित मनोरी बोले-आइपीएल ने बढ़ाया मनोबल

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.