उत्तराखंड: दून में सामने आया अजीबोगरीब मामला, महिला अधिकारी को रास्ते में छोड़ चलता बना चालक
राजधानी देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में शनिवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। यहां एक चालक सचिवालय की महिला अधिकारी को छोड़कर चलता बना। इतना ही नहीं पुलिस के फोन करने के बाद ही चालक आधे रास्ते से वापस लौटा।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में शनिवार को एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। यहां एक चालक सचिवालय की महिला अधिकारी को छोड़कर चलता बना। इतना ही नहीं पुलिस के फोन करने के बाद ही चालक आधे रास्ते से वापस लौटा।
दरअसल, सचिवालय में तैनात एक डिप्टी सेक्रेटरी स्तर की अधिकारी को टिहरी किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जाना था। अधिकारी ने ड्राइवर को नेहरू कॉलोनी बाईपास स्थित सचिवालय कॉलोनी बुलाया। अभी अधिकारी ने अपना सामान वाहन में रखा ही था कि वाहन चालक अधिकारी को वहीं पर छोड़कर चला गया।
महिला अधिकारी ने कुछ देर इंतजार किया और ड्राइवर को फोन भी लगाया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। जब वाहन चालक काफी देर तक वापस नही आया तो अधिकारी ने तुरंत 100 नंबर पर फोन कर दिया। कंट्रोल रूम से मैसेज सभी थानों को भेजा गया।
वहीं, नेहरू कॉलोनी बाइपास चौकी से चालक को फोन किया गया। करीब 20 मिनट बाद चालक वापिस लौटा।
चौकी इंचार्ज बाइपास मालविंदर सिंह गुसाईं ने बताया कि चालक को पता नही लग पाया कि अधिकारी बैठ गई कि नही। इसलिए वह खाली वाहन लेकर चला गया। थोड़ी देर बाद वह वापिस आ गया था।
सहायक अभियंताओं की वरिष्ठता सूची में हो संशोधन
पौड़ी सांसद तीर्थ सिंह रावत ने ऊर्जा निगम के सहायक अभियंताओं की वरिष्ठता सूची में संशोधन का आग्रह किया है। इस संबंध में उन्होंने कार्मिकों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन उन्हें बताया कि ऊर्जा निगम में चयन वर्ष 2008-09 में सीधी भर्ती से नियुक्त सहायक अभियंताओं की जो 2017 में अनंतिम वरिष्ठता सूची जारी की गई है, वह त्रुटिपूर्ण है। यह न्यायालय के निर्देशों के बिल्कुल विपरीत है। ऐसे में पदोन्नति प्रक्रिया भी ठप पड़ी है। एसोसिएशन ने मांग की थी कि संशोधित वरिष्ठता सूची जारी कर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू की जाए, जिससे सहायक अभियंता के पदों पर भी नई भर्ती की जा सके।
यह भी पढ़ें: 14 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में पीड़ित एनआरआइ ने पुलिस को सौंपी खातों की डिटेल