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अमृत योजना के तहत पेयजल लाइन का कार्य पूर्ण, इसके बावजूद नहीं दिए जा रहे कनेक्‍शन

अमृत योजना का लक्ष्य घर-घर तक पानी पहुंचाना है लेकिन विभागीय लापरवाही का ही नतीजा है कि महीनों से लोगों को पानी के कनेक्शन नहीं दिए जा सके हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 03:48 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 09:21 PM (IST)
अमृत योजना के तहत पेयजल लाइन का कार्य पूर्ण, इसके बावजूद नहीं दिए जा रहे कनेक्‍शन
अमृत योजना के तहत पेयजल लाइन का कार्य पूर्ण, इसके बावजूद नहीं दिए जा रहे कनेक्‍शन

देहरादून, विजय जोशी। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना अमृत दूनवासियों के गले नहीं उतर पा रही है। दरअसल इस योजना को कोई ओर नहीं बल्कि जिम्मेदार विभाग ही बट्टा लगा रहे हैं। योजना का लक्ष्य घर-घर तक पानी पहुंचाना है, लेकिन विभागीय लापरवाही का ही नतीजा है कि महीनों से लोगों को पानी के कनेक्शन नहीं दिए जा सके हैं। हैरानी की बात तो यह है कि विलंब का कारण पूछे जाने पर अधिकारी एक-दूसरे के सिर ठीकरा फोड़ रहे हैं। जिससे करोड़ों की इस योजना का लाभ दूनवासियों को नहीं मिल पा रहा है।

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पेयजल निगम के माध्यम से प्रदेशभर में अमृत योजना (अटल मिशन फॉर रेज्युविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) के कार्य संचालित हो रहे हैं। जिसके तहत पेयजल लाइन, सीवर लाइन, ट्यूबवेल, पंप हाउस आदि के कार्य किए जा रहे हैं। इसी के तहत दून में भी पिछले चार साल से विभिन्न कार्य चल रहे हैं। बात करें केवल पेयजल योजनाओं की तो दून में पांच योजनाओं पर कार्य हो रहे हैं। ये सभी कार्य रायपुर ब्लॉक के अंतर्गत हो रहे हैं। हालांकि इनमें धर्मपुर, मसूरी और कैंट विधानसभा के अमन विहार, देहराखास, केदारपुरम, रेसकोर्स और प्रेमनगर क्षेत्र शामिल हैं।

 

विभागों की लापरवाही का ही नतीजा है कि जिन योजनाओं का कार्य सौ फीसद हो चुका है, उनका भी लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है। पेयजल निगम के अधिकारियों का कहना है कि अभी कुछ जगह अन्य विभागों के कारण देरी हो रही है। उधर, जल संस्थान को कार्य पूर्ण करने के बाद भी योजना हैंडओवर नहीं हो पा रही है। जल संस्थान ने भी कुछ इलाकों में पेयजल सप्लाई तो शुरू कर दी है, लेकिन कनेक्शन नहीं दिए हैं, जिससे सुबह और शाम के समय पानी सड़कों पर बर्बाद हो रहा है।

 

जीपी सिंह (अधिशासी अभियंता, पेयजल निगम) का कहना है कि कुछ योजनाओं का कार्य गतिमान है, जबकि कुछ योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। पूर्ण होने के बावजूद अभी कनेक्शन नहीं दिए जा सके हैं। जल संस्थान के साथ हैंडओवर करने को पत्राचार किया जा रहा है। सप्लाई शुरू करने के बाद लाइनों को चेक कर हैंडओवर कर दिया जाएगा। कुछ इलाकों में राष्ट्रीय राजमार्ग और लोनिवि के स्तर से मामला अटका हुआ है।

इस तरह हो रहा कार्य

  • क्षेत्र--------------------बजट------------प्रगति---------कार्य शुरू----------डेडलाइन
  • अमन विहार---------256 लाख------82 फीसद---अगस्त 2016---जून 2018
  • देहराखास--------------72 लाख-----100 फीसद---अगस्त 2016---सितंबर 2017
  • रेसकोर्स----------------81 लाख-------93 फीसद---अक्टूबर 2016---जून 2018
  • केदारपुरम------------113.63 लाख---84 फीसद---अगस्त 2016---जून 2018
  • प्रेमनगर--------------207.55 लाख--100 फीसद---जून 2016---जनवरी 2018 

यहां अमृत के कार्य से क्षेत्रवासी परेशान

अमृत योजना के तहत ब्रह्मपुरी वार्ड में पेयजल लाइन डालने का कार्य लंबे समय से चल रहा है। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि कई बार कार्यदायी संस्था बदले जाने के कारण कार्य में विलंब हो रहा है। ऐसे में सड़कें महीनों से क्षतिग्रस्त पड़ी हैं और कई जगह पानी भी सड़क पर बह रहा है। जिससे क्षेत्रवासियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय पार्षद सतीश कश्यप का कहना है कि क्षेत्रवासी जल्द इस संबंध में महापौर को ज्ञापन सौंपेंगे और पेयजल निगम दफ्तर का भी घेराव करेंगे।

बंजारावाला में कनेक्शन दिए नहीं, शुरू कर दी आपूर्ति

बंगाली कोठी से लगे बंजारावाला क्षेत्र में कई ऐसी कॉलोनियां हैं जहां पेयजल लाइन डालने के बाद सप्लाई भी शुरू कर दी गई है। कनेक्शन के लिए घरों के बाहर खुले छोड़े गए पाइप सुबह और शाम के समय पानी उगल रहे हैं, जो बड़ी मात्रा में सड़कों पर बह रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है इस संबंध में कई बार जल संस्थान से शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

स्वामी नाथ (सिद्धार्थ विहार) का कहना है कि पहले तो लाइन डालने के लिए सड़क खोदी गई, अब उसे दोबारा बनाया नहीं जा रहा है। जबकि पेयजल लाइन भी घर के बाहर खुली छोड़ दी गई है। ऐसे में पूरी कॉलोनी में कीचड़ पसरा रहता है। शिकायत करो तो कोई सुनता भी नहीं है।

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सुधा नेगी (कंडोली) का कहना है कि गलियों में महीनों से कार्य किया जा रहा है, जिससे सड़कें खस्ताहाल हैं। वाहन सवार अक्सर यहां गिरकर चोटिल हो रहे हैं। कई बार तो सड़क खोदकर छोड़ दी जाती है और पानी की लाइन हफ्तों बाद डाली जा रही है। ऐसे में आमजन को हर रोज परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।

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