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डा मृत्युंजय मिश्रा ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलसचिव का पदभार किया ग्रहण

आज बुधवार को डा मृत्युंजय मिश्रा ने आज आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलसचिव का पदभार ग्रहण कर लिया। इस दौरान कुलपति डा सुनील जोशी ने चार्ज देने से इंकार किया। डा मिश्रा अपने कुछ समर्थकों संग विश्वविद्यालय पहुंचे थे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 29 Dec 2021 06:13 PM (IST)Updated: Wed, 29 Dec 2021 09:15 PM (IST)
डा मृत्युंजय मिश्रा ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलसचिव का पदभार किया ग्रहण
डा मृत्युंजय मिश्रा ने आज आयुर्वेद विश्वविद्यालय में कुलसचिव का पदभार ग्रहण कर लिया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का विवादों से नाता नहीं छूट रहा है। कभी भर्तियां, कभी खरीद और कभी अन्य किसी कारण विश्वविद्यालय चर्चा में आ जाता है। इस बार डा. मृत्युंजय मिश्रा की कुलसचिव पद पर नियुक्ति को लेकर घमासान मचा है। डा. मिश्रा ने बुधवार को कुलपति की अनुपस्थिति में चार्ज ले लिया। कुलसचिव कक्ष में काबिज होने के साथ ही अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक भी उन्होंने ली। वहीं, कुलपति डा. सुनील जोशी ने उनकी नियुक्ति पर पुनर्विचार के लिए राज्यपाल, सीएम, विभागीय मंत्री और शासन को पत्र भेज दिया है।

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शासन से नियुक्ति मिलने के बाद कुलसचिव डा. मृत्युंजय मिश्रा बुधवार को कुछ लोग के साथ करीब 12 बजे विवि पहुंचे। जहां उनके कुछ समर्थक पहले से ही मौजूद थे। उन्होंने डा. मिश्रा का स्वागत किया। इसके बाद डा. मिश्रा ने कुलसचिव के कमरे में जाकर विधिवत काम शुरू कर दिया, लेकिन उनकी ज्वाइनिंग के वक्त कुलपति डा. सुनील जोशी वहां नहीं आए, ना ही उन्होंने डा. मिश्रा से मुलाकात की। बाद में डा. मिश्रा ने अपने कमरे में बैठकर शाम पांच बजे तक रुटीन काम निपटाए। उन्होंने बतौर कुलसचिव अधिकारियों-कर्मचारियों की बैठक कर उनसे कई जानकारियां भी तलब की।

-डा. मृत्युंजय मिश्रा (कुलसचिव उत्तराखंड आयुर्वेद विवि) का कहना है कि मेरा नियोक्ता शासन है और शासन में ही मैने ज्वाइनिंग दी। इसे लेकर कोई विवाद नहीं है। कुलपति डा. जोशी के निर्देशन में काम शुरू कर दिया है। शासन अगर चाहेगा तो मैं पदभार छोड़ दूंगा।

-डा. सुनील जोशी (कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विवि) का कहना है कि कुलसचिव की नियुक्ति पर पुनर्विचार के लिए राज्यपाल, सीएम, विभागीय मंत्री और शासन को पत्र भेजा है। जहां तक पदभार संभालने का सवाल है तो उन्होंने शासन में ज्वानिंग दी होगी। वहीं से उनकी नियुक्ति हुई है। विवि में रजिस्ट्रार कार्यालय खुला रहता है, वह वहां बैठ गए तो क्या कर सकते हैं।

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