Chardham Yatra 2020: उत्तराखंड में ऑनलाइन ग्रीन कार्ड पर छाए संशय के बादल, बरसात में धीमी रफ्तार से बढ़ रही यात्रा
Chardham Yatra 2020 प्रदेश में चारधाम यात्रा पर आने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड बनाने की योजना पर अभी संशय के बादल छाए हुए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Chardham Yatra 2020 प्रदेश में चारधाम यात्रा पर आने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड बनाने की योजना पर अभी संशय के बादल छाए हुए हैं। बरसात के कारण यात्रा काफी धीमी गति से आगे बढ़ रही है। सितंबर तक यही स्थिति रहने की संभावना है। अक्टूबर में अमूमन यात्रा में तेजी देखी जाती है। हालांकि, जिस तरह से कोरोना संक्रमण का खतरा अभी बरकरार है, उसे देखते हुए विभाग ऑनलाइन ग्रीन कार्ड के मसले पर अंतिम निर्णय नहीं ले पा रहा है।प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को अनुमति दे दी है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के कारण दूसरे राज्यों से बहुत अधिक यात्री चारधाम तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
बरसात के कारण भी यात्रा अभी बहुत धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। जो यात्री आ भी रहे हैं, वे निजी वाहनों से आ रहे हैं। इसके लिए अभी तक कोई भी ग्रीन कार्ड जारी नहीं किया गया है। दरअसल, चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग पर चलने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग ग्रीन कार्ड जारी करता है। प्रतिवर्ष 15 से 20 हजार ग्रीन कार्ड जारी किए जाते हैं। ग्रीन कार्ड का अर्थ यह होता है कि संबंधित वाहन के सारे दस्तावेज पूर्ण हैं, वाहन की फिटनेस जांची गई है और ये पर्वतीय मार्गों पर चलने को पूरी तरह फिट हैं। इसका मकसद वाहन दुर्घटना के साथ ही वाहनों के अवैध संचालन पर रोक लगाना है।
यात्रा के दौरान विभिन्न आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में ये कार्ड बनाए जाते हैं। यात्रा सीजन में ग्रीन कार्ड बनाने के लिए वाहनों की लंबी कतार लगती है। वाहन संचालकों को राहत देने के लिए परिवहन विभाग ने चालक समेत 10 सीटों की क्षमता वाले वाहनों के लिए ऑनलाइन ग्रीन कार्ड बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए एनआइसी सॉफ्टवेयर भी तैयार कर चुका है। अब इसमें ऑनलाइन फीस का प्रविधान किया जाना शेष है।
उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि अभी दूसरे राज्यों से बेहद कम यात्री आ रहे हैं। व्यावसायिक वाहनों का अभी प्रयोग नहीं हो रहा है। अक्टूबर में यदि स्थिति सुधरती है और यात्रा गति पकड़ती है तो फिर ऑनलाइन ग्रीन कार्ड देने पर विचार किया जाएगा। ऐसा न होने पर अगले वर्ष से यह व्यवस्था लागू की जाएगी।
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