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दून मेडिकल कॉलेज ने स्वास्थ्य विभाग से की ये मांग, जानिए

दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में एनेस्थेटिक की कमी बनी हुर्इ है। जिसके चलते कॉलेज ने एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग के सामने झोली फैलार्इ है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 04:33 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 04:33 PM (IST)
दून मेडिकल कॉलेज ने स्वास्थ्य विभाग से की ये मांग, जानिए
दून मेडिकल कॉलेज ने स्वास्थ्य विभाग से की ये मांग, जानिए

देहरादून, [जेएनएन]: दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय ने फिर एक बार स्वास्थ्य विभाग के आगे झोली फैलाई है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने स्वास्थ्य महानिदेशक को पत्र भेज एनेस्थेटिक उपलब्ध कराने की मांग की है। रायपुर, कोरोनेशन व प्रेमनगर अस्पताल से रोटेशन में एनेस्थेटिक देने का अनुरोध किया है। एनेस्थेटिक की कमी के चलते अस्पताल में ऑपरेशन शुक्रवार को भी ठप रहे। ऐसे में मरीज निजी अस्पताल में जाने को मजबूर हैं। 

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दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एनेस्थेटिक की भारी कमी है। वर्तमान में यहां मात्र पांच एनेस्थेटिक हैं। इनमें तीन फैकल्टी व दो सीनियर रेजिडेंट हैं। इन पांच में ही दून व दून महिला अस्पताल का काम चल रहा है। समस्या यह है कि महिला अस्पताल में सिजेरियन के कारण वहां एनेस्थेटिक में कटौती नहीं की जा सकती। 

वहां रोटेशन में चार एनेस्थेटिक तैनात किए गए हैं। ऐसे में मुख्य अस्पताल के लिए मात्र एक ही एनेस्थेटिक बचता है। जबकि यहां सामान्यत: 30-35 ऑपरेशन रोज होते हैं। इस बीच एनेस्थेटिक छुट्टी पर हैं। मौजूदा परिस्थिति में दून अस्पताल में ऑपरेशन ठप हो गए हैं। अस्पताल में ऑपरेशन की वेटिंग यूं ही बहुत ज्यादा रहती है, उस पर अब बैकलॉग इतना बढ़ गया है कि मरीजों का आसानी से नंबर भी नहीं आने वाला। इस स्थिति में वह निजी अस्पताल का रुख करने को मजबूर हैं। जहां उन्हें इलाज के लिए कई गुणा रकम खर्च करनी पड़ रही है। 

लगातार बनी हुई है दिक्कत 

अस्पताल में यह समस्या एकाएक पैदा नहीं हुई। इससे पहले मई और फिर अगस्त में भी ठीक ऐसे ही हालात बने थे। कुछ समय पहले दो सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति कर दी गई थी, पर वह भी नौकरी छोड़ गए। ऐसे में व्यवस्थाएं लगातार बिगड़ती ही जा रही हैं। एनएचएम के तहत प्राइवेट डॉक्टरों की सेवा ली गई, पर उन्हें वक्त पर भुगतान नहीं हुआ। ऐसे में न केवल उन्होंने आना बंद कर दिया बल्कि अन्य डॉक्टरों में भी गलत मैसेज गया। एनेस्थेटिक की संख्या पर्याप्त न होने के कारण अस्पताल में ओटी की व्यवस्थाएं लड़खड़ार्इ  हुई हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि इस संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. ताराचंद पंत को पत्र भेजा गया है। उनसे अन्य अस्पतालों से रोटेशन में एनेस्थेटिक देने को कहा गया है। 

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