कोरोनाकाल के बाद नए रूप में दिखेगा दून अस्पताल, मिलेंगी ये अत्याधुनिक सुविधाएं
राजधानी का प्रमुख सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय जहां स्वास्थ्य सुविधाओं में हर अंतराल पर इजाफा होता जा रहा है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ ही यहां लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी पहले से कई बेहतर हुआ है।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में कोरोना से जंग के लिए की गई तैयारियों ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में जान फूंकने का काम किया है। भविष्य में किसी अन्य बड़ी आपदा से निपटने के लिए सिस्टम ज्यादा सुदृढ़ हुआ है। इसी एक उदाहरण है राजधानी का प्रमुख सरकारी अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, जहां स्वास्थ्य सुविधाओं में हर अंतराल पर इजाफा होता जा रहा है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ ही यहां लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी पहले से कई बेहतर हुआ है। साथ ही इसे अब सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के रूप में विकसित किया जा रहा है। जाहिर है कि यह व्यवस्थाएं आगे भी मरीजों के काम आएंगी। यानी कोरोनाकाल के बाद अस्पताल नए क्लेवर में नजर आएगा।
मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर भी बनकर तैयार
अस्पताल का नया ओटी ब्लॉक भी अब अंतिम चरण में है। इसका काम अगले दो माह के भीतर पूरा हो जाएगा। जिसमें बारह ऑपरेशन थिएटर होंगे। इनमें भी छह मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर हैं। अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इन ओटी में सर्जरी सुविधाजनक और सुरक्षित होगी। प्रदेश के किसी भी राजकीय चिकित्सालय में ये अपनी तरह के पहले ऑपरेशन थिएटर होंगे। ये मॉड्यूलर ओटी अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बनाए जा रहे हैं, जिनमें सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, ईएनटी, प्लास्टिक और न्यूरो विभाग के ऑपरेशन किए जाएंगे।
100 आइसीयू बेड की क्षमता
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार इस अस्पताल में अभी तक आइसीयू बेड की संख्या ऊंट के मुंह में जीरा वाली स्थिति में थी। यहां महज पांच आइसीयू बेड थे, जो अक्सर फुल रहते थे। पर अब यह 100 आइसीयू बेड की क्षमता वाला अस्पताल बन गया है, जिनमें बच्चों के लिए आठ बेड का पीडिया आइसीयू अलग से तैयार किया गया है। वहीं, महिला अस्पताल में भी पांच बेड का गाइनी आइसीयू बनकर तैयार है। इसके अलावा हृदय रोगियों के लिए भी पांच बेड का आइसीयू अलग से बनाया जा रहा है। बाद में इसका लाभ भी आम जनता को ही मिलेगा।
अस्पताल में छह गुना बढ़ गई वेंटिलेटर की संख्या
एक वक्त पर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में महज 14 वेंटिलेटर थे। उनमें भी कुछ अरसे से खराब पड़े थे। लेकिन, अब न केवल यहां पहले से मौजूद सभी वेंटिलेटर क्रियाशील हैं, बल्कि इनकी संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए कुछ वेंटिलेटर राज्य स्तर पर खरीदे गए तो कुछ केंद्र से मिले हैं। अस्पताल में अब वेंटिलेटर की संख्या बढ़कर 83 हो गई है। यह भविष्य के लिहाज से भी अच्छा है।
नई डायलिसिस यूनिट तैयार
दून मेडिकल कॉलेज की नई ओपीडी बिल्डिंग में 10 बेड की डायलिसिस यूनिट भी तैयार है। अभी यहां मशीनें इंस्टॉल की जा रही हैं। जल्द ही इसकी विधिवत शुरुआत की जाएगी, जिससे गुर्दा रोग से पीड़ित मरीजों को दिक्कत न उठानी पड़े।
बर्न यूनिट और ट्रॉमा सेंटर भी जल्द होंगे शुरू
दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में केंद्र की मदद से बर्न यूनिट और ट्रॉमा सेंटर का निर्माण किया जा रहा है। यह प्रदेश में अब तक के सबसे बड़े बर्न यूनिट व ट्रॉमा सेंटर होंगे। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में गढ़वाल क्षेत्र के मरीजों को उपचार मिलेगा। ये ट्रॉमा सेंटर को लेवल-1 में अपग्रेड किए जाने का भी प्रस्ताव है। जिस पर सैद्धांतिक सहमति भी बन चुकी है। मेडिकल कॉलेज लेवल-2 का ट्रॉमा सेंटर संचालित होते ही इस बावत प्रस्ताव देगा। ट्रॉमा सेंटर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र में स्तरीय व्यवस्थाएं नहीं हैं। पर्वतीय जिलों में भूस्खलन समेत दूसरी प्राकृतिक आपदाओं की वजह जान-माल की हानि होती है। बहुत से लोग सिर्फ इलाज न मिलने की वजह से मर जाते हैं।
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