यहां कारोबारी सरकार के राजस्व को लगा रहे हैं चूना
राजधानी देहरादून में कारोबारी राज्य सरकार को जमकर चूना लगा रहे हैं। सालाना टर्नओवर करोड़ों का होने पर भी वे खाद्य विभाग में महज सौ रुपये का पंजीकरण करा रहे हैं।
देहरादून, [जेएनएन]: दून के कारोबारी गलत बिक्री दिखाकर राज्य सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं। आलम यह है कि जिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है, वह खाद्य सुरक्षा विभाग में महज सौ रुपये का पंजीकरण कराकर राजस्व की चोरी कर रहे हैं। मामले का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय खाद्य मानक सुरक्षा प्राधिकरण ने ऐसे मामलों में प्रदेश सरकार को भी कड़ा रुख अपनाने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में उत्तराखंड के सभी जिला अभिहित अधिकारियों को जांच के आदेश दिए गए हैं।
जिला अभिहित अधिकारी जीसी कंडवाल ने बताया कि इस संबंध में जांच के निर्देश मिले हैं। अभी तक जिले में एक दर्जन से ज्यादा ऐसे व्यापारिक प्रतिष्ठान पकड़ में आए हैं, जो मात्र सौ रुपये का पंजीकरण करा कर राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं।
इन प्रतिष्ठानों की जांच में इस बात की तस्दीक हुई कि उन्होंने सेल गलत दिखाई है। उन्होंने कहा कि फूड सेफ्टी एक्ट में गलत जानकारी देने पर दो लाख का जुर्माना लगाया जा सकता है। इन सभी व्यापारियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जांच के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम गठित कर चेकिंग के निर्देश जारी किए गए हैं। जिन लोगों ने गलत जानकारी दी है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं नियम
नियमों पर गौर करें तो ऐसे व्यापारिक प्रतिष्ठान जिनका सालाना टर्नओवर 12 लाख से कम है, केवल उनके लिए ही खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण में पंजीकरण की व्यवस्था है। जबकि 12 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले व्यापारिक प्रतिष्ठानों को दो हजार रुपये शुल्क देकर लाइसेंस लेना होता है। इसके अलावा ऐसी कंपनियां और फर्म जो किसी वस्तु का निर्माण कर रही हैं, उनके लिए तीन हजार रुपये लाइसेंस फीस रखी गई है। वहीं, एक मिट्रिक टन का रोजाना उत्पादन करने वाली कंपनियों के लिए पांच हजार रुपये शुल्क लेकर लाइसेंस दिया जाता है।
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