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मोबाइल से दूरी रख चलाएं वाहन, थामें जिंदगी का दामन

सड़क पर वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल न करें। इससे आपके साथ दूसरों को भी हर्जाना भुगतना पड़ सकता है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 05:39 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 05:39 PM (IST)
मोबाइल से दूरी रख चलाएं वाहन, थामें जिंदगी का दामन
मोबाइल से दूरी रख चलाएं वाहन, थामें जिंदगी का दामन

देहरादून, जेएनएन। मोबाइल फोन हर किसी की बुनियादी जरूरत बन चुका है, लेकिन हकीकत यह है कि इसने जिंदगी को जितना आसान किया है, उतना ही खतरा भी बढ़ा दिया है। यह खतरा उसके उपयोग करने के तरीके से बढ़ता ही जा रहा है। लोग वाहन चलाते समय हेलमेट में या तो मोबाइल ठूंस लेते हैं या फिर हेडफोन लगा लेते हैं। वह भूल जाते हैं कि ऐसा करने पर उन्हें पीछे से आने वाले वाहन की आवाज तो दूर उसका हॉर्न तक नहीं सुनाई देगा। साथ ही इससे वाहन चलाने की एकाग्रता भी भंग होती है। हद तो यह कि पुलिस वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते पकड़ने पर चालान भी काटती है, लेकिन जुर्माना भुगतने के बाद भी लोग अपनी आदत से बाज नहीं आते। 

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नि:संदेह मोबाइल फोन के कई लाभ हैं। आपात स्थिति में डॉक्टर या पुलिस बुलाने से लेकर परिवार या दोस्तों की मदद पाने का सबसे सुलभ माध्यम है। परंतु हाल के वर्षों में इसके कुछ ऐसे दुष्परिणाम सामने आए हैं, जो घातक साबित हुए हैं। दरअसल, पिछले कुछ समय से हेडफोन लगाकर सड़कों पर घूमना, रेलवे ट्रैक पार करना या दोपहिया, चौपहिया वाहन यहां तक कि साइकिल-रिक्शा चलाना फैशन सा बन गया है। सड़क सुरक्षा को लेकर हुए एक अध्ययन में सामने आया है कि भारत में प्रत्येक 10 में से 3 व्यक्ति वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करते हैं या फिर गाने सुनते हैं। जिस कारण अक्सर लोग दुर्घटना के शिकार होकर काल का ग्रास बनते हैं या शारीरिक रूप से अक्षम हो जाते हैं। 

विशेषकर युवाओं को लगता है कि वे हेडफोन लगाकर ज्यादा फैशनेबल बन रहे हैं या मल्टी टास्किंग के कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं, पर इससे होने वाली दुर्घटनाओं से स्पष्टï है कि कानों में मोबाइल का ईयरफोन लगाकर या मोबाइल पर बात करते हुए सड़क पर निकलना बड़ी भूल है। ऐसे में जरूरत इस बात की है कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल सही तरीके से और सही समय पर किया जाए व इसे अभिशाप की बजाय वरदान ही बने रहने दिया जाए। 

एसएसपी निवेदिता कुकरेती का कहना है कि वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने या हेडफोन लगाकर चलने के दुष्परिणामों के प्रति गोष्ठियों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। यातायात पुलिस व सीपीयू को इस दिशा में सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। 

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