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आज से ओपीडी नहीं करेंगे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर

अगर आप इलाज के लिए किसी सरकारी अस्पताल जा रहे हैं तो ध्यान दीजिए। सरकारी चिकित्सक बुधवार से 30 सितंबर तक ओपीडी का बहिष्कार करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 06:45 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 06:45 PM (IST)
आज से ओपीडी नहीं करेंगे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर
आज से ओपीडी नहीं करेंगे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर

जागरण संवाददाता, देहरादून: अगर आप इलाज के लिए किसी सरकारी अस्पताल जा रहे हैं, तो ध्यान दीजिए। सरकारी चिकित्सक बुधवार से 30 सितंबर तक ओपीडी का बहिष्कार करेंगे। हालांकि आइपीडी, सर्जरी, पोस्टमार्टम ड्यूटी, मेडिकोलीगल कार्य व इमरजेंसी सेवाओं जारी रहेंगी। कोरोना महामारी को देखते हुए कोविड-केयर सेंटर, फ्लू क्लीनिक, सैंपलिग एवं टेस्टिग, डाटा कलेक्शन आदि का कार्य कर रहे डॉक्टर भी अपनी ड्यूटी यथावत करते रहेंगे।

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प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. नरेश सिंह नपलच्याल व महासचिव डॉ. मनोज वर्मा ने कहा कि डॉक्टरों की दो मांगें हैं। पहला ये कि प्रतिमाह एक दिन की वेतन कटौती बंद कर सभी को प्रोत्साहन राशि दी जाए। दूसरा, पीजी में अध्ययनरत सरकारी चिकित्सकों को पूरा वेतन दिया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में डॉक्टर अग्रिम मोर्चे पर रहकर दिन-रात संक्रमितों का इलाज कर रहे हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में चिकित्सक संक्रमित हुए हैं और दो चिकित्सकों की मौत भी हो चुकी है। अन्य राज्यों में जहां डॉक्टरों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, मगर यहां हर माह एक दिन का वेतन काटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पैसे की नहीं, बल्कि आत्मसम्मान की लड़ाई है। इसी तरह पीजी कर रहे सरकारी चिकित्सक जहां-जहां कार्यरत हैं, वहां वह दिन रात कार्य कर रहे हैं। ऐसे में उनका आधा वेतन काटना अन्यायपूर्ण है। सरकार व शासन ने भी उक्त मांगों को न्यायसंगत व तर्कसंगत माना, पर इन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। जनता को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसलिए पूर्व में डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध किया। सरकार व शासन से सकारात्मक आश्वासन मिलने पर आंदोलन वापस भी ले लिया। कहा गया था कि इस बावत कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा, पर ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में सिवाय आंदोलन के कोई रास्ता नहीं बचा है। आगामी 30 सितंबर तक डॉक्टर ओपीडी में कार्य नहीं करेंगे। हालांकि अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए इमरजेंसी, आइपीडी व कोविड ड्यूटी वह करते रहेंगे। आगे क्या रणनीति होगी, इसे लेकर 29 सितंबर को गांधी अस्पताल में प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है।


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