फिर निकला 115 किमी लंबी रिंग रोड का जिन्न, ये बड़ी परियोजनाएं भी अधर में
सड़कें मौजूदा ट्रैफिक का दबाव झेलने लायक नहीं बची हैं। कम से कम बाहरी क्षेत्रों के वाहन अनावश्यक दून में प्रवेश न कर पाएं इसके लिए एक दशक पहले रिंग रोड का ख्वाब देखा गया था।
देहरादून, जेएनएन। दून की सड़कें मौजूदा ट्रैफिक का दबाव झेलने लायक नहीं बची हैं। कम से कम बाहरी क्षेत्रों के वाहन अनावश्यक दून में प्रवेश न कर पाएं, इसके लिए एक दशक पहले रिंग रोड का ख्वाब देखा गया था। यह बात और है तब तमाम बैठकों और सर्वे से आगे बात नहीं बढ़ पाई। अब जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने रिंग रोड के बारे में जानकारी तलब कर दून की उम्मीदें जिंदा की हैं।
लोनिवि और राजमार्ग अधिकारियों की बैठक में जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि रिंग रोड निर्माण को लेकर जो भी प्रक्रिया लंबित है, उसे पूरा कर प्रस्ताव तैयार किया जाए। हालांकि, बैठक में अधिकारियों ने अवगत कराया कि करीब 115 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में अनुमानित खर्च 270 करोड़ रुपये आ रहा है। राज्य के स्तर पर इतना भारी बजट कैसे जुटाया जाएगा, इसी मुश्किल में परियोजना पर कभी भी गंभीरता से प्रयास नहीं किए जा सके। इसके अलावा बैठक में जिलाधिकारी ने हरिद्वार बाईपास रोड, शिमला बाईपास रोड के चौड़ीकरण समेत विभिन्न परियोजना पर अपडेट लिया। वन विभाग को भी निर्देश दिए कि वह सड़क परियोजनाओं के लंबित प्रकरणों का तेजी से निस्तारण करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल आदि मौजूद रहे।
रिंग रोड का यह होगा स्वरूप
फोरलेन सड़क दून के चारों ओर से गुजरेगी। जिन वाहनों को दून में प्रवेश नहीं करना है, वह कहीं से भी आकर रिंग रोड से आवागमन कर सकेंगे। इससे शहर पर वाहनों का दबाव कम होगा।
जरूरत 50 करोड़ की, मिले 25 करोड़
जिलाधिकारी ने लोनिवि अधिकारियों से राज्य सेक्टर में बजट की स्थिति पूछी तो बजट की भारी कमी की बात भी सामने आई। जिले के विभिन्न खंडों को राज्य सेक्टर में 50 करोड़ रुपये की जरूरत है, जबकि अभी तक सिर्फ 25 करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं। इतने के काम करा भी लिए गए हैं। अब बरसात में जैसे-तैसे उधारी पर सड़कों पर टल्ले लगाए जा रहे हैं। वहीं, जिलाधिकारी ने पर्वतीय क्षेत्रों में मलबा आने पर सड़कों को तत्काल खोलने के निर्देश भी जारी किए।
इन हिस्सों से जुड़ेगी रिंग रोड
मोथरोवाला से आइएसबीटी, बड़ोवाला, शिमला बाईपास रोड, पावंटा रोड।
सौडा सरोला से थानों, भोगपुर, जौलीग्रांट, हरिद्वार रोड, मोथरोंवाला।
पांवटा रोठ से नंदा की चौकी, संतला देवी रोड, मालसी, सहस्रधारा रोड सौडा सरोली।
फिर निकला 115 किमी लंबी रिंग रोड का जिन्न, ये बड़ी परियोजनाएं भी अधर में
हरिद्वार बाईपास रोड
2012 में शुरू हुआ था महज साढ़े चार किमी सड़क का चौड़ीकरण।
14.21 करोड़ रुपये के इस्टीमेट के बावजूद 11.81 करोड़ में थाम दिया था काम।
ठेकेदार ने शुरुआत से बरती हीलाहवाली, अब छीन लिया गया काम।
हाईकोर्ट में लंबित चल रही हटाए गए ठेकेदार की याचिका।
अब तक 2.41 करोड़ रुपये भी किए जा चुके खर्च।
अब तक 70 फीसद बढ़ चुका ट्रैफिक का दबाव, बन चुके कई डेंजर जोन।
अब राजमार्ग खंड डोईवाला ने 20 करोड़ का प्रस्ताव किया तैयार। मामला कोर्ट में लंबित होने से नहीं मिल पा रही स्वीकृति।
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जोगीवाला चौक
इस चौक के चौड़ीकरण के लिए भी बीते 10 सालों से कवायद चल रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने वर्ष 2018-19 में इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था।
जमीन अधिग्रहण में 30 करोड़ व कुल लागत 40 करोड़ रुपये आने पर मामला अटक गया।
वर्ष 2019-20 के वार्षिक प्लान में राजमार्ग खंड डोईवाला ने इसका प्रस्ताव तैयार किया। मामला स्वीकृति के इंतजार में है।
दून के प्रवेश मार्ग पर ही यह स्थल जाम का बड़ा जोन बना है।
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