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उत्तराखंड में तैयार हो रही कैदियों की मेडिकल हिस्ट्री, पैरोल पर छोड़ने का भी बनेगी आधार

जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदियों और विचाराधीन बंदियों के आपराधिक रिकॉर्ड के साथ मेडिकल हिस्ट्री भी तैयार की जा रही है।

By Edited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 03:00 AM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 02:37 PM (IST)
उत्तराखंड में तैयार हो रही कैदियों की मेडिकल हिस्ट्री, पैरोल पर छोड़ने का भी बनेगी आधार
उत्तराखंड में तैयार हो रही कैदियों की मेडिकल हिस्ट्री, पैरोल पर छोड़ने का भी बनेगी आधार

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड की जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदियों और विचाराधीन बंदियों के आपराधिक रिकॉर्ड के साथ मेडिकल हिस्ट्री भी तैयार की जा रही है। इसके पीछे जेल प्रशासन का उद्देश्य कोरोना के मद्देनजर गंभीर रोगों से ग्रस्त कैदियों और बंदियों की विशेष देखभाल करना है। मेडिकल हिस्ट्री ही उन्हें पैरोल पर छोड़ने का भी आधार बनेगी।

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ऊधमसिंह नगर के बाद देहरादून जिला कारागार में कोरोना की घुसपैठ ने जेल प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। जेल प्रशासन वह सभी इंतजाम करने में जुटा है, जिससे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। दरअसल, कोरोना से अधिकतर उन्हीं की जान जोखिम में पड़ रही है, जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। जेल में कैदियों के साथ भी ऐसा ही है। जेल प्रशासन ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि कितने कैदी और बंदी गंभीर रोग से पीड़ित हैं, लेकिन जेल प्रशासन का कहना है कि कोरोना के मामले आने के बाद से सभी कैदियों और बंदियों के स्वास्थ्य की जांच कराकर उनकी मेडिकल हिस्ट्री तैयार की जा रही है। 

इसके साथ ही जेल में आने से पहले वह किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित थे या नहीं, इसकी भी जानकारी ली जा रही है। पैरोल देने पर भी हो रहा विचार कोरोना संक्रमण की शुरुआत में नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य की जेलों से करीब सवा आठ सौ कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था। इसके बाद भी जेल में कैदियों का बोझ कम नहीं हुआ है। ऐसे में मेडिकल हिस्ट्री तैयार कर गंभीर बीमारी से ग्रस्त कैदियों को पैरोल दिए जाने की कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है। जेल में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, कारागार के अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. पीवीके प्रसाद ने बताया कि कारागार कैदियों की मेडिकल हिस्ट्री तैयार की जा रही है, जिससे सभी को जरूरत के अनुसार चिकित्सकीय सुविधा देने के साथ देखभाल भी की जा सके। 

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आज जेल में हो सकती है सैंपलिंग 

25 से 28 जुलाई के बीच जेल में करीब सवा तीन सौ बंदियों की कोरोना जांच हुई थी, जिसमें 98 बंदी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जांच में वह बंदी शामिल किए गए थे जो बैरक नंबर तीन-चार के एनक्लोजर एरिया की बैरकों में रह रहे थे। वहीं, अन्य बैरकों में रह रहे कैदियों व बंदियों की जांच होना बाकी है। जेल प्रशासन के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग को बंदियों की जांच के लिए पत्र भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि तीन दिन के अवकाश के बाद मंगलवार से जेल में दोबारा कोरोना की जांच शुरू हो सकती है।

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